पिछले महीने दिल्ली, मुंबई और बेंगलुरु समेत देश के प्रमुख हवाई अड्डों के पास उड़ानों को जीपीएस में छेड़छाड़ की घटनाओं का सामना करना पड़ा था। यह जानकारी नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू ने राज्यसभा में दी। उन्होंने बताया कि जीपीएस स्पूफिंग के कारण उड़ानों के संचालन में कोई असर नहीं पड़ा था।
केंद्र सरकार ने राज्यसभा में बताया कि दिल्ली और अन्य हवाई अड्डों के आसपास स्पूफ की गई उड़ानों की घटनाओं का पता चला है और वायरलेस मॉनिटरिंग ऑर्गनाइजेशन को इसका सोर्स पता लगाने का काम सौंपा गया है। सांसद निरंजन रेड्डी के सवाल का जवाब देते हुए मंत्री ने कहा, इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के आसपास कुछ उड़ानों ने जीपीएस आधारित लैंडिंग प्रक्रियाओं का उपयोग करतेसमय, रनवे 10 पर आते समय जीपीएस स्पूफिंग की सूचना दी।
GPS स्पूफिंग क्या है ?
जीपीएस स्पूफिंग एक तरह का साइबर हमला है। यह ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम को इस तरह से धोखा देता है कि वह विमानों को गलत लोकेशन, स्पीड दिखाए। कुछ लोग इसे जैमिंग समझते हैं लेकिन यह उससे काफी अलग होता है, जैमिंग में जीपीएस सैटेलाइट जिस स्पेक्ट्रम पर काम करते हैं, उसे जाम कर दिया जाता है। जबकि जीपीएस स्पूफिंग में विमानों को डेटा दिखाया जाता है, लेकिन वह गलत होता है।