


ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत के तीन हथियारों ने पाकिस्तान को घुटनों पर ला दिया। ये तीन हथियार हैं एस-400 एयर डिफेंस सिस्टम, ब्रह्मोस सुपसोनिक क्रूज मिसाइल और आकाश एयर डिफेंस सिस्टम। जिनमें से एस-400 भारत ने रूस से खरीदा है, ब्रह्मोस को भारत ने रूस के साथ मिलकर भारत मेंबनाया है, जिसमें 51 प्रतिशत से ज्यादा भारत की हिस्सेदारी है और आकाश डिफेंस सिस्टम पूरी तरह से स्वदेशी है। भारत ने साल 2018 में रूस के साथ 5 यूनिट एस-400 एयर डिफेंस सिस्टम के लिए 35 हजार करोड़ रुपये यानि 5.4 अरब डॉलर में समझौता किया था। लेकिन यूक्रेन युद्ध में फंसने की वजह से रूस सिर्फ 3 यूनिट की ही डिलीवरी दे पाया है। 2 यूनिट एस-400 डिफेंस सिस्टम की डिलीवरी मिलना अभी बाकी है और रूस डेडलाइन में बार बार चूक कर रहा है।
इन सबके बीच रूसी मीडिया में दावा किया गया है कि भारत के नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर अजीत डोभाल जल्द ही मॉस्को का दौरा करने वाले हैं, जिसमें एस-400 के बाकी बचे दो यूनिट की जल्द डिलीवरी के लिए रूसी सरकार पर प्रेशर डालने के अलावा कई तरह के और डिफेंस डील पर बात होने की संभावना है। अजीत डोभाल की यात्रा से पहले भारतीय सांसदों की मॉस्को यात्रा होने वाली है। जबकि भारत और रूस के ज्वाइंट वेंचर से बनी ब्रह्मोस क्रूज मिसाइल को लेकर भी दोनों देशों के बीच महत्वपूर्ण बातचीत होने वाली है।
रूस और भारत में डिफेंस सेक्टर को लेकर अहम बातचीत
यूक्रेन युद्ध में फंसने और पश्चिमी प्रतिबंधों को झेलने के बावजूद रूस अभी पी-5 देशों का हिस्सा और महत्वपूर्ण यूरेशियाई शक्ति बना हुआ है। इसके अलावा रूस और भारत की साझेदारी ने कई यूरेशियाई शक्तियों को संतुलित भी किया है। मास्को दशकों से भारत के सबसे करीबी आतंकवाद विरोधी साझेदारों में से एक रहा है। NSA के सुरक्षा मुद्दों के लिए उच्च प्रतिनिधियों की 13वीं अंतर्राष्ट्रीय बैठक में भाग लेने की उम्मीद है, जो 27 से 29 मई तक मास्को में आयोजित होगी। इस बैठक की अध्यक्षता रूस के सुरक्षा परिषद सचिव सर्गेई शोइगु करेंगे। इस बैठक के दौरान वे शोइगु सहित अपने विभिन्न समकक्षों के साथ द्विपक्षीय बैठकें भी करेंगे।