अर्चना मिसिंग मिस्ट्री में पुलिस ने बताया कि उसने सोच-समझकर लापता होने की फुल प्रूफ योजना बनाई थी। अर्चना ने ऐसी प्नलानिंग की थी कि पुलिस को कुछ पता न चले इसलिए जानबूझकर अपना फोन उसने जंगल में फिंकवाया था। पूरी मिसिंग की पटकथा फिल्मी स्टाइल में रखी गई थी। अर्चना अभी शादी नहीं करना चाहती थी। इसलिए नाराजगी में उसने यह कदम उठाया। ऐसे में लगता है वह किरण राव की फिल्म लापता लेडीज से प्रेरित थी।
जानबूझकर फोन जगंलों में फिकवाया
अर्चना तिवारी ने सोच समझ कर अपने अपहरण की प्लानिंग रची थी और उसकी प्लानिंग ऐसी थी कि पुलिस को कुछ पता न चल सके। एसपी रेलवे की मानें तो उसने जानबूझकर फोन जगंलों में फिंकवाया और ट्रेन में अपना सामान छोड़ा ताकि, पुलिस को गुमराह किया जा सके।
नेपाल से लाया गया वापस
जानकारी के अनुसार इलेक्ट्रॉनिक लोकेशन के आधार पर जीआरपी नेपाल बॉर्डर तक पहुंची। धनगढ़ी (नेपाल) से अर्चना को सुरक्षित लाई। पूछताछ में अर्चना ने साफ कहा कि उनके साथ किसी ने कोई गलत हरकत नहीं की। सारांश और तेजेंदर ने सिर्फ मदद की थी।
Comments (0)