कांग्रेस ने मध्य प्रदेश में अपने कार्यकर्ताओं को एक चेतावनी पत्र जारी किया है। यह पत्र संगठन सृजन अभियान के तहत हुई नियुक्तियों, खासकर जिला अध्यक्षों के विरोध में सोशल मीडिया पर की गई पोस्ट्स को लेकर है। कांग्रेस ने अपने कार्यकर्ताओं को जिला अध्यक्षों की नियुक्ति के विरोध में सोशल मीडिया पर की गई पोस्ट्स को हटाने का निर्देश दिया है। कार्यकर्ताओं को 24 घंटे के भीतर ऐसी सभी पोस्ट हटाने को कहा गया है, ऐसा न करने पर उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। कुछ नेताओं ने जिला अध्यक्षों की नियुक्ति में पैसे के लेन-देन और सिफारिशों का आरोप लगाया था, जिसके बाद यह कदम उठाया गया है।
नियुक्ति के बाद नेताओं और कार्यकर्ताओं में नाराजगी
दरअसल, प्रदेश में जिला अध्यक्षों की नियुक्ति के बाद कई जिलों में पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं ने खुलकर विरोध जताया था। गुना, इंदौर, उज्जैन, रीवा, सतना, भिंड, मंदसौर, बुरहानपुर, देवास समेत 15 जिलों में नए अध्यक्षों की नियुक्ति को लेकर नाराजगी देखी गई। कुछ नेताओं ने तो नियुक्तियों में पैसे के लेन-देन और सिफारिश जैसे गंभीर आरोप भी लगाए। भोपाल में दिग्विजय सिंह के करीबी माने जाने वाले मोनू सक्सेना ने शहर अध्यक्ष प्रवीण सक्सेना की नियुक्ति पर सवाल उठाए और इसे राहुल गांधी के संगठन सृजन के विजन के खिलाफ बताया।
पटवारी ने कार्यकर्ताओं से की एकजुटता की अपील
इस बढ़ते असंतोष के बीच प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने कार्यकर्ताओं से एकजुटता की अपील की है। उन्होंने अपने एक्स हैंडल पर लिखा कि संगठन को मजबूत करना कांग्रेस की पहचान है और सभी को मिलकर 2028 के चुनावों की तैयारी करनी होगी। हालांकि, कार्यकर्ताओं का कहना है कि नए चेहरों और युवा नेतृत्व का वादा करने वाली पार्टी ने पुराने चेहरों को फिर से मौका दिया, जिससे निराशा बढ़ी है।
Comments (0)