मध्यप्रदेश को जल्द ही उसका सबसे लंबा फ्लाईओवर मिलने जा रहा है। यह फ्लाईओवर 23 अगस्त को आम जनता के लिए खोल दिया जाएगा। कुल सात किलोमीटर लंबा यह फ्लाईओवर महज सात मिनट में पार किया जा सकेगा, जबकि वर्तमान में इस दूरी को तय करने में 25 मिनट से अधिक का समय लगता है। 12 मीटर ऊंचे इस फ्लाईओवर से शहर का नज़ारा बेहद आकर्षक दिखेगा। वहीं, इस रूट पर बना देश का सबसे लंबा रेल केबल-स्टे ब्रिज भी विशेष आकर्षण का केंद्र बना हुआ है, जिसे देखने के लिए देशभर से इंजीनियर उत्साहित हैं।
लोकार्पण से पहले बुधवार को प्रदेश के लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह ने जनप्रतिनिधियों और प्रशासनिक अधिकारियों के साथ फ्लाईओवर का निरीक्षण किया। उन्होंने आयोजन की तैयारियों की समीक्षा की। फ्लाईओवर बनने के बाद वाहनों के आवागमन में लगने वाला समय और ईंधन दोनों की खपत में भारी कमी आएगी। अभी मदन महल से दमोहनाका तक ट्रैफिक, चौराहे और सिग्नलों के कारण वाहन धीमी गति से चलते हैं, जिससे ईंधन की खपत ज्यादा होती है। फ्लाईओवर से सीधा और निर्बाध आवागमन होगा, जिससे ना केवल ईंधन की बचत होगी बल्कि वायु प्रदूषण में भी कमी आएगी।
डिजिटल सिग्नल और तीन लेन से सुसज्जित है फ्लाईओवर
फ्लाईओवर की चौड़ाई 12 मीटर है और इसमें तीन लेन की व्यवस्था की गई है। इसके साथ ही, आठ स्थानों पर चढ़ने और उतरने के लिए विशेष मार्ग बनाए गए हैं। बेहतर ट्रैफिक नियंत्रण के लिए 12 स्थानों पर डिजिटल सिग्नल लगाए गए हैं, ताकि रात के समय भी वाहन चालक आराम से आवाजाही कर सकें। इससे ट्रैफिक व्यवस्था में भी सुधार होगा और दुर्घटनाओं की संभावना कम होगी।
इस बहुप्रतीक्षित फ्लाईओवर का उद्घाटन 23 अगस्त को दोपहर 11:30 बजे महानद्दा में आयोजित कार्यक्रम के दौरान किया जाएगा। इस अवसर पर केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और प्रभारी मंत्री जगदीश देवड़ा उपस्थित रहेंगे। कार्यक्रम के बाद जनप्रतिनिधियों को केबल-स्टे ब्रिज का निरीक्षण भी कराया जाएगा।
2004 में लिया गया संकल्प, 2025 में हुआ साकार
लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह ने जानकारी दी कि जब उन्होंने 2004 में लोकसभा चुनाव लड़ा था, तब उन्होंने जबलपुर की यातायात समस्या को देखते हुए फ्लाईओवर निर्माण को अपने संकल्प पत्र में शामिल किया था। 2014 में केंद्र में मोदी सरकार के आने और नितिन गडकरी के सड़क परिवहन मंत्री बनने के बाद परियोजना को मंजूरी मिली और सीआरएफ फंड से इसका निर्माण आरंभ हुआ।
मंत्री राकेश सिंह ने कहा कि पहले मदन महल से दमोहनाका तक पहुंचने में वाहनों को 40 से 45 मिनट का समय लगता था। अब यह दूरी फ्लाईओवर से मात्र छह से आठ मिनट में तय की जा सकेगी। यह फ्लाईओवर जबलपुर की यातायात व्यवस्था को नया आकार देने के साथ ही शहर को महानगरीय पहचान दिलाने में एक बड़ा कदम साबित होगा।
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