शरीर का 60–70% हिस्सा पानी से बना होता है, इसलिए साफ और सुरक्षित पानी पीना हमारी सबसे बड़ी ज़रूरत है। कई जगहों पर मिलने वाला सामान्य (नॉर्मल) पानी अक्सर अज्ञात स्रोतों या टैंकों से आता है, जिसमें धूल, बैक्टीरिया या रसायन मिल सकते हैं। अगर यह पानी गुणवत्ता परीक्षण के बाद सुरक्षित साबित हो, तो यह स्वास्थ्य के लिए बिल्कुल ठीक है। लेकिन यदि पानी दूषित हो तो यह बीमारियों का कारण बन सकता है।
RO वाटर: अधिक शुद्ध, लेकिन खनिज घटते हैं
RO (Reverse Osmosis) सिस्टम पानी में मौजूद घुलनशील अशुद्धियों, भारी धातुओं और बैक्टीरिया को हटा देता है। इस कारण यह उन क्षेत्रों में बेहद उपयोगी है जहां पानी में TDS (टोटल डिज़ॉल्व्ड सॉलिड) अधिक होता है। हालांकि, RO पानी के साथ एक चिंता यह भी है कि यह कुछ ज़रूरी खनिजों जैसे कैल्शियम और मैग्नीशियम को भी कम कर देता है—हालांकि कई आधुनिक RO सिस्टम इसमें मिनरल कार्ट्रिज भी जोड़ते हैं।
कब नॉर्मल पानी बेहतर है?
यदि आपके क्षेत्र का पानी साफ, टेस्टेड और कम TDS वाला है, तो नॉर्मल पानी सेहत के लिए बिल्कुल सुरक्षित और लाभदायक है। प्राकृतिक पानी में मौजूद खनिज शरीर के लिए आवश्यक होते हैं और यह पाचन व इम्युनिटी के लिए फायदेमंद भी साबित होते हैं। ऐसे हालात में RO सिस्टम की आवश्यकता अनिवार्य नहीं होती।
सही निर्णय: पानी की गुणवत्ता पर निर्भर
नॉर्मल पानी और RO पानी में से बेहतर विकल्प तय करने से पहले अपने घर के पानी की टेस्टिंग करवाना सबसे समझदारी भरा कदम है। यदि पानी सुरक्षित और कम TDS वाला है, तो नॉर्मल पानी पर्याप्त है। वहीं, यदि पानी में संदिग्ध गंदगी, खारापन या धातुओं की मात्रा अधिक है, तो RO सबसे सुरक्षित विकल्प बन जाता है। अंततः, लक्ष्य साफ, बैक्टीरिया-रहित और संतुलित मिनरल वाला पानी पीना होना चाहिए—यही सच में हेल्दी चुनाव है।
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