2024 के लोकसभा चुनाव में बहुमत से चूक जाने के कारण गठबंधन सरकार बनाने को मजबूर हुई भाजपा को बाद में तीन राज्यों की ताबड़तोड़ जीत ने पुरानी ताकत वापस लौटा दी। महाराष्ट्र, हरियाणा और फिर दिल्ली की जीत ने भाजपा नेतृत्व एनडीए की सरकार को उसी तरह मजबूत कर दिया, जिस तरह से वो 2014 और 2019 में रही। यही वजह है कि तीसरे कार्यकाल में भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार अपने एजेंडे पर कायम है।
महाराष्ट्र, हरियाणा, दिल्ली ने लौटाई एनडीए की राजनीतिक ताकत
2014 में भाजपा को 282 और 2019 में 303 सीटें मिलीं, जबकि 2024 के लोकसभा चुनाव में पार्टी बहुमत के आंकड़े 272 से कम 240 सीट ही हासिल कर पाई। ऐसे में तीसरे कार्यकाल में पार्टी को सरकार बनाने के लिए नीतीश कुमार की जदयू और चंद्रबाबू नायडू की टीडीपी के समर्थन का मोहताज होना पड़ा। लेकिन, लोकसभा चुनाव के बाद महाराष्ट्र, हरियाणा, झारखंड और दिल्ली के चुनाव हुए। झारखंड को छोड़कर अन्य तीनों राज्यों में पार्टी प्रचंड बहुमत से सरकारबनाने में सफल रही।
सहयोगी दलों पर बढ़ा नियंत्रण
इसी के साथ 2024 के लोकसभा चुनाव के नतीजों से पनपी निराशा भी दूर हुई और कार्यकर्ताओं के साथ नेताओं में उत्साह का संचार हुआ। इसके बाद पार्टी को पिछले दो कार्यकालों की तरह आत्मविश्वास हासिल करने में सफल रही। तीनों राज्यों के विधानसभा चुनावों में जीत से केंद्र में सहयोगियों की प्रेशर पॉलिटिक्स से भी पार्टी उबरने में सफल रही।
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