जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश समेत उत्तर पश्चिम भारत के पहाड़ी और मैदानी इलाकों में आंधी-तूफान और बिजली के साथ बारिश का क्रम जारी है। पूर्वोत्तर भारत में भी अलग-अलग स्थानों पर भारी बारिश हो रही है। अगले चार से पांच दिनों के दौरान भी इन इलाकों के साथ ही निकोबार द्वीपसमूह और पश्चिम, मध्य व दक्षिण प्रायद्वीपीय भारत में गरज और बिजली के साथ बारिश जारी रहने की संभावना है।
कब और कहां होगा सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ का असर
आईएमडी ने बताया कि पंजाब के ऊपर निचले क्षोभमंडल में चक्रवाती परिसंचरण केरूप में एक पश्चिम विक्षोभ सक्रिय है। उत्तर पश्चिम उत्तर प्रदेश और पश्चिमी राजस्थान के ऊपर दो अलग-अलग चक्रवाती परिसंचरण की स्थिति बनी हुई है। बिहार, झारखंड और असम में भी मौसम संबंधी कुछ ऐसी प्रणालियां बनी हुई हैं। इनके प्रभाव से 13 मई को पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली और पूर्वी राजस्थान में, 16-17 मई को हिमाचल प्रदेश और 14 मई को जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में 50-60 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं और गरज व बिजली के साथ छिटपुट से मध्यम स्तर की वर्षा हो सकती है।
पश्चिम भारत में ऐसा रहेगा मौसम का हाल
कोंकण और गोवा में 13 और 4 मई को, मध्य महाराष्ट्र और मराठवाड़ा में 14-16 मई के दौरान 30-40 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं जिनकी गति बढ़कर 50 किमी प्रति घंटे तक पहुंच सकता है। इसके अलावा, मध्य महाराष्ट्र, मराठवाड़ा में मंगलवार को 50-60 किमी प्रति घंटे से बढ़कर 70 किमी प्रति घंटे तक की तेज हवाएं चलने की संभावना है।
पूर्वी और मध्य भारत
मौसम विभाग के मुताबिक, 12 और 13 मई को छत्तीसगढ़ में गरज, बिजली और 60 किमी प्रति घंटे के हवा के झोकों के साथ अलग-अलग स्थानों पर बारिश हो सकती है। 16 मई तक मध्य प्रदेश, 13-15 मई के दौरान उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल औरसिक्किम, 16 मई को झारखंड, 15-16 मई तक झारखंड, बिहार और 14 मई को ओडिशामें 50 किमी प्रति घंटे की गति से हवाएं चल सकती हैं और भारी वारिश भी होसकती है।
पूर्वोत्तर भारत में बहुत भारी बारिश होने की संभावना
अरुणाचल प्रदेश, असम, मेघालय में 16 मई तक, नगालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा में 15 मई तक गरज, बिजली और तेज हवाएं के साथ व्यापक रूप से भारीसे बहुत भारी बारिश होने की संभावना है। 13 मई को मेघालय में वर्षा की मात्रा अत्यधिक रहने की संभावना है।
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