कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमले के बाद भारत के ऐक्शन को लेकर पाकिस्तान डरा हुआ है। एलओसी पर तनाव बढ़ने के साथ ही, इस्लामाबाद ने सीमा पर हवाई रक्षा और तोपखाने इकाइयों को तैनात करते हुए व्यापक सैन्य निर्माण शुरू कर दिया है, जिससे जमीन और हवा में हाई अलर्ट की स्थिति और भी बढ़ गई है।
पाकिस्तानी एयरफोर्स ने सैन्य अभ्यासों की तिकड़ी शुरू कर दी है। इसमें F-16, J-10 और JF-17 जैसे एडवांस लड़ाकू विमान शामिल हैं। इस बीच, पाकिस्तानी सेना ने अपनी लेटेस्ट चीनी-अधिग्रहित आर्टिलरी सिस्टम - SH-15 हॉवित्जर की तैनाती के साथ आगे बढ़ गई है। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि आखिर चीन में निर्मित पाकिस्तानी तोप भारत के K-9 वज्र के मुकाबले कितनी दमदार है।
क्या है पाकिस्तानी तोप की खासियत
चीन के नोरिन्को समूह के साथ 2019 के समझौते के तहत पाकिस्तान ने SH-15 तोप हासिल की थी। यह एक 155 मिमी/52-कैलिबर स्व-चालित हॉवित्जर है। ये 6×6 शांक्सी ट्रक चेसिस पर लगी है। नाटो-मानक और जीपीएस-निर्देशित दोनों तरह के हथियारों को फायर करने की इसकी क्षमता है। इसमें 53 किलोमीटर तक की रेंज और शूट-एंड-स्कूट क्षमता है।
K9 वज्र क्यों है खास?
- 155mm की तोप, 38 किलोमीटर तक निशाना लगाने में सक्षम
- 155mm/52 कैलिबर की तोप, हर 15 सेकंड में तीन राउंड फायर
- 3 मिनट तक 6 से 8 राउंड प्रति मिनट की अधिकतम गति से फायरिंग
- K9 वज्र अत्याधुनिक डिजिटल फायर कंट्रोल सिस्टम से लैस
- मल्टीपल राउंड सिमुल्टेनियस इम्पैक्ट (MRSI) मोड में भी काम
- -20°C तक के तापमान में भी प्रभावी, विंटर किट से लैस
- K307 बेस ब्लीड HE गोला बारूद भी फायर कर सकता है।
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