पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के रिश्ते पूरी तरह से खराब हो गए हैं। दोंनों ही देशों ने आपस के सभी संबंधों को स्थगित कर दिया हैं। जहां भारत ने सिंधु जल संधि को रद्द कर दिया हैं। जम्मू-कश्मीर के सीएम उमर अब्दुल्ला ने पहलगाम हमले के मद्देनजर पाकिस्तान के साथ 1960 की सिंधु जल संधि को स्थगित करने के केंद्र सरकार के फैसले का स्वागत किया।
हम कभी भी सिंधु जल संधि के पक्ष में नहीं रहे हैं
जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि, भारत सरकार ने कुछ कदम उठाए हैं। जहां तक जम्मू-कश्मीर का सवाल है, हम कभी भी सिंधु जल संधि के पक्ष में नहीं रहे हैं। हमारा हमेशा से मानना रहा है कि सिंधु जल संधि जम्मू-कश्मीर के लोगों के लिए सबसे अनफेयर डॉक्यूमेंट है। देश भर में कश्मीरियों की सुरक्षा पर जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि, गृह मंत्री अमित शाह ने उन्हें भरोसा दिया है कि, इस सबंध में गृह मंत्रालय एक एडवाइजरी जारी करेगा और केंद्रीय मंत्री इस संबंध में कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बातचीत कर रहे हैं।
इस समय हम रुपये या पैसे नहीं गिन रहे हैं
लोकल टूरिज्म सेक्टर को हुए भारी नुकसान के बारे में सवाल किए जाने पर मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने वित्तीय नुकसान की चिंता को यह कहते हुए टाल दिया कि, इस समय हम रुपये या पैसे नहीं गिन रहे हैं। बैठक में शामिल हुए टूरिज्म इंडस्ट्री के किसी भी कारोबारी या हिस्सेदार ने कारोबार के नुकसान पर दुख नहीं जताया। सीएम ने कहा कि, उनमें से किसी ने भी इस बारे में चिंता नहीं जताई कि उनका क्या होगा।
शोक संतप्त लोगों के साथ एकजुटता
सीएम अब्दुल्ला ने अपनी बात पर जोर देकर कहा कि, फिलहाल हमारी प्राथमिकता शोक संतप्त लोगों के साथ एकजुटता व्यक्त करना है। उन्होंने आगे कहा कि, भविष्य में किसी समय हम जम्मू-कश्मीर की अर्थव्यवस्था पर (हमले के) वित्तीय प्रभावों पर चर्चा करने के लिए बैठ सकते हैं। लेकिन बैठक में मौजूद एक भी स्टेकहोल्डर्स ने अपने नुकसान के लिए मॉनिटरी रिलीफ की मांग नहीं की।
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