प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार सुबह पंजाब के आदमपुर एयरबेस पहुंचे। पीएम ने एयरफोर्स के जवानों से मुलाकात की और उनका मनोबल बढ़ाया। अचानक पीएम मोदी के आदमपुर पहुंचने पर हर कोई हैरान रह गया। ऑपरेशन सिंदूर की शुरुआत से ही पीएम सेना के हर एक्शन को खुद मॉनिटर कर रहे थे। ऐसे में सवाल यह है कि भारत-पाकिस्तान तनाव के बीच पीएम ने दौरे के लिए आदमपुर एयरबेस को ही क्यों चुना? पीएम के दौरे ने सिर्फ जवानों का मनोबल बढ़ाया बल्कि पाकिस्तान को सख्त संदेश भी दिया।
पाकिस्तान का झूठ बेनकाब
पाकिस्तान ने हाल ही में दावा किया था कि उसने आदमपुर एयरबेस को अपने ड्रोन और मिसाइल हमलों से तबाह कर दिया। लेकिन सच्चाई यह है कि भारत के S-400 एयर डिफेंस सिस्टम ने दुश्मन की हर साजिश को हवा में ही नेस्तनाबूद कर दिया। पीएम मोदी का आदमपुर पहुंचना पाकिस्तान के इस झूठे प्रचार को दुनिया के सामने बेनकाब करने का सटीक जवाब है। यह एयरबेस, जो भारत-पाक सीमा से महज कुछ किलोमीटर की दूरी पर स्थित है, हमारी वायुसेना की ताकत का प्रतीक है। मोदी ने अपने दौरे से साफ कर दिया कि भारत न केवल सुरक्षित है, बल्कि हर हमले का जवाब देने के लिए पूरी तरह तैयार है।
क्यों चुना गया आदमपुर?
आदमपुर एयरबेस को चुनने के पीछे कई कारण हैं। पहला, यह पाकिस्तान के झूठे दावों को खारिज करने का सबसे मजबूत तरीका था। दूसरा, यह एयरबेस भारत की वायुसेना के सबसे महत्वपूर्ण ठिकानों में से एक है, जहां राफेल, सुखोई-30 और मिराज जैसे फ्रंटलाइन फाइटर जेट्स तैनात हैं। तीसरा, इसकी सीमा से निकटता इसे पाकिस्तान के लिए एक सीधा चुनौती बनाती है। पीएम मोदी ने इस दौरे के जरिए न केवल अपनी सेना को मजबूत समर्थन दिया, बल्कि दुनिया को दिखाया कि भारत अपनी संप्रभुता और सुरक्षा के साथ कोई समझौता नहीं करेगा।
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