दुनियाभर में एयर स्पेस सुरक्षा का लेकर फोकस बढ़ा है। इस्राइल-हमास जंग ने एयरस्पेस सुरक्षा को लेकर दुनिया की सोच में बदलाव लाने का काम किया। साथ ही ऑपरेशन सिंदूर ने भी मजबूत एयर डिफेंस सिस्टम कितना जरूरी है, इसे हाइलाइट किया। अमेरिका ने भी दो महीने पहले ऐलान किया था कि वे इस्राइल के आयरन डोम सिस्टम की तरह ही गोल्डन डोम बनाएंगे। अब अमेरिका ने अपने मिसाइल डिफेंस सिस्टम गोल्डन डोम का डिजाइन भी चुन लिया है।
ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत के मजबूत एयर डिफेंस सिस्टम ने पाकिस्तान की तरफ से हुए हर हमले को नाकाम किया, चाहे ड्रोन अटैक हो या मिसाइल अटैक। लेकिन इंडियन आर्म्ड फोर्सेस ने पाकिस्तान के एयर डिफेंस सिस्टम को ध्वस्त करते हुए आतंकी ठिकानों के साथ ही पाकिस्तान के कई अहम एयरबेस भी तबाह किए। जब हमास ने इस्राइल पर अटैक किया तो इस्राइल के आयरन डोम पर चर्चा शुरू हो गई कि क्या आयरन डोम सिस्टम पूरी तरह सफल नहीं रहा। इसके बाद फिर जब ईरान ने इस्राइल पर ताबड़तोड़ सैकड़ों मिसाइल दागी, तब इस्राइल ने दावा किया कि आयरन डोम ने ज्यादातर मिसाइल को इंटरसेप्ट कर नष्ट कर दिया। जिसके बाद से सभी जगह एयर डिफेंस पर फोकस बढ़ा है।
भारत का ‘रक्षक-सुरक्षा कवच’
भारत ने भी ‘रक्षक-सुरक्षा कवच’ पर बात करनी शुरू की है। हाल ही में हुए डीआरडीओ ने आयरन डोम की तरह ही ‘रक्षक-सुरक्षा कवच’ का कॉन्सेप्ट पेश किया। इसमें दिखाया गया कि किस तरह डीआरडीओ उन सब उपकरणों को इंटीग्रेट कर सकता है जो एयर डिफेंस के लिए हैं और इससे एक मजबूत सुरक्षा कवच बन सकता है। डीआरडीओ के इलेक्ट्रॉनिक एंड कम्युनिकेशन के डीजी बी. के. दास ने बताया कि ‘रक्षक-सुरक्षा कवच’ में दो हिस्से हैं। पहला है निगरानी करना और दूसरा है अटैक करना। निगरानी के लिए अर्ली वॉर्निंग सिस्टम, सर्विलांस ड्रोन और सेटेलाइट हैं। ग्राउंड में लन्ग रेंज रडार है जो दुश्मन के किसी भी एरियल खतरे को ट्रैक करता है। उसे इंगेज करने के लिए हार्ड किल, सॉफ्ट किल, सर्फेस टू एयर मिसाइल, आर्टिलरी गन और लेजर बीम तकनीक है। उन्होंने कहा कि ये सब बहुत कम कीमत में और बहुत कम वक्त में इंटीग्रेट हो सकते हैं।
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