भारत और पाकिस्तान के बीच 7 से 10 मई तक सैन्य तनाव चला. इस लड़ाई में भारत पाकिस्तान पर भारी पड़ा. तनाव ने नई दिल्ली को पाकिस्तान पर अपनी रणनीतिक श्रेष्ठता स्थापित करने में मदद की. पाकिस्तान को पिटने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर अपने संबोधन के दौरान इस्लामाबाद को यह स्पष्ट कर दिया कि नई दिल्ली किसी भी परमाणु ब्लैकमेल को बर्दाश्त नहीं करेगी. पीएम मोदी की पाकिस्तान को ये चेतावनी हाई टेक वारफेयर एरा में पाकिस्तान की क्षमता के मुकाबले रणनीतिक लाभ के भारत के विश्वास पर आधारित थी. पीएम मोदी का मैसेज साफ था. भारत परमाणु ब्लैकमेल की आड़ में पनप रहे आतंकवादी ठिकानों पर सटीक और निर्णायक हमले करेगा. यह दावा भारत के सटीक हमले और पाकिस्तान के जवाबी हमले को नाकाम करने पर आधारित था.
नए युग के युद्ध में साबित की श्रेष्ठता
4 दिन तक चले इस तनाव में भारत ने पाकिस्तान के कई अहम एयरबेस को तबाह किया. वहीं, उसने पाकिस्तान के कई ड्रोन अटैक को नाकाम किया. प्रधानमंत्री ने जब कहा कि ऑपरेशन सिंदूर ने आतंकवाद के प्रति हमारी प्रतिक्रिया में एक नया आयाम जोड़ा है, तो इसके पीछे एक कारण था. भारत ने रेगिस्तानों और पहाड़ों में अपनी क्षमताओं का प्रदर्शन किया था और नए युग के युद्ध में भी अपनी श्रेष्ठता साबित की.
बात मानने को मजबूर हुई दुनिया
हवा में लड़ाई के साथ-साथ भारत को पाकिस्तान के दुष्प्रचार का भी सामना करना पड़ा, क्योंकि दोनों पक्ष समानांतर रूप से इंफोर्मेशन की लड़ाई भी लड़ रहे थे. जब भारत ने हमले के सबूत दिखाने शुरू किए, तो दुनिया को यह मानने पर मजबूर होना पड़ा कि भारत ने नए युग की युद्ध पद्धति में सफलता हासिल की है.
दुनिया ने यह भी देखा कि किसी देश के लिए स्वदेशी नेविगेशन प्रणाली का इस्तेमाल करके दुश्मन के ड्रोन या मिसाइल का पता लगाना और उन्हें प्रभावी ढंग से नष्ट करने के लिए विभिन्न स्थानों पर इंटरसेप्टर तैनात करना कितना महत्वपूर्ण है. इसके अलावा दुश्मन पर बढ़त हासिल करने के लिए किसी देश की सबसे महत्वपूर्ण क्षमता एयर डिफेंस को भेदना और रडार से बचते हुए उनके रणनीतिक स्थानों को भारी नुकसान पहुंचाना है.
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