जिले में लंबे इंतजार के बाद कल हुई बारिश ने जहां किसानों को थोड़ी राहत दी थी, वहीं आज सुबह से जिले में छाए घने कोहरे ने उनकी चिंता फिर बढ़ा दी है। सड़कों पर कोहरे के कारण वाहन चालकों को आवाजाही में दिक्कतों का सामना करना पड़ा, जबकि खेतों में फसलों पर संकट के बादल मंडराने लगा है। खरीफ सीजन की दलहनी फसलें जैसे मूंग, उड़द, अरहर और सोयाबीन इस मौसम से बुरी तरह प्रभावित हो रही हैं। खेतों में पर्याप्त धूप न मिल पाने से फसल की बढ़वार रुक गई है और फफूंदजनित रोगों का खतरा लगातार बढ़ रहा है।
गांवों में खेतों का दौरा करने पर पता चला कि ज्यादातर किसानों की फसलें अभी शुरुआती या मध्य अवस्था में हैं, जहां धूप की आवश्यकता अत्यधिक होती है। लेकिन लगातार छाए कोहरे के कारण पौधों की प्रकाश संश्लेषण क्रिया प्रभावित हो रही है, जिससे पौधों की वृद्धि रुक गई है और पत्तियों में पीलापन, झुलसन जैसे लक्षण दिखाई दे रहे हैं।
किसानों का कहना है कि इस खरीफ सीजन में मुश्किलें खत्म होने का नाम नहीं ले रहीं। पहले खाद की कमी और बारिश न होने से फसलें कमजोर पड़ीं,अब घने कोहरे ने नई समस्या खड़ी कर दी है। विशेषज्ञों के अनुसार,कोहरे का सबसे ज्यादा असर फूल पर आई दलहनी फसलों पर पड़ेगा,जिससे उत्पादन पर भारी असर पड़ सकता है। लगातार मौसम की मार से किसान अब आर्थिक नुकसान को लेकर बेहद चिंतित हैं।
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