भारतीय क्रिकेटर मोहम्मद शमी (Mohammed Shami) से जुडी एक चौंका देने वाली खबर सामने आयी है। कोलकाता कोर्ट ने भारतीय तेज़ गेंदबाज़ को एक बड़ा झटका दिया है। जानकारी के अनुसार शमी को अपनी अलग रह रही पत्नी हसीं जहां को मासिक तौर पर 50 हज़ार रूपए का गुज़ारा भत्ता देना होगा। और साथ ही 80 हज़ार रूपए उनकी बेटी की परवरिश के लिए देने होंगे। हालांकि हसीं जहां इस मासिक राशी से बेहद ना खुश हैं, क्योंकि उन्होंने प्रति माह 10 लाख रूपए के गुज़ारे भत्ते की मांग कर कोर्ट में कानूनी तौर पर याचिका दायर की थी। लेकिन कोर्ट के इस फैसले के बाद उन्हें 50 हज़ार रूपए की मासिक राशी में ही अपना गुज़ारा करना होगा।
जानिए शमी और हसीं जहां की असल कहानी
आपको बता दें की शमी (Mohammed Shami) और उनकी पत्नी साल 2018 से ही एक दूसरे से अलग रह रहे हैं। साल 2014 में इन दोनों ने शादी की डोर में बंधने का फैसला किया था। फिर चार ही सालों के बाद यानी की मार्च 2018 में हसीं (Hasin Jahan) ने शमी और उनके पूरे परिवार पर संगीन आरोप लगाते हुए अलग रहने का फैसला ले लिया था। हसीं ने शमी पर मैच फिक्सिंग, घरेलु हिंसा और दूसरी लड़कियों के साथ गैर संबंध बनाने का आरोप लगाया था। शमी पर मैच फिक्सिंग का आरोप लगने के बाद BCCI ने शमी का कॉन्ट्रैक्ट कैंसिल कर दिया था। लेकिन जांच के बाद हसीं जहां का यह आरोप बेबुनियाद साबित हुआ। इसी के चलते कुछ दिन बाद BCCI ने कॉन्ट्रैक्ट रिन्यू कर दिया था।
हसीं जहां ने साल 2018 में किया था केस को दर्ज
दरअसल हसीं जहां ने साल 2018 में कोर्ट में कानूनी तौर पर याचिका दायर करते हुए 10 लाख रूपए की मासिक गुज़ारे भत्ते की मांग की थी। हसीं के अनुसार इसमें से 7 लाख रूपए उनका निजी गुज़ारा भत्ता होगा और 3 लाख रूपए उनकी बेटी के पालन पोषण का खर्च होगा। ऐसे में कोर्ट के सुनाये फैसले से न खुश होकर हसीं के पास हाई कोर्ट जाने का विकल्प मौजूद है।
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