प्रयागराज में महाकुंभ मेले का आगाज हो चुका है, जिसमें देश-विदेश से करोड़ों की तादाद में साधु-संत व श्रद्धालुओं का जमावड़ा लगा है। महाकुंभ का आध्यात्मिक और सांस्कृतिक महत्व होने के साथ ही इसका देश की इकोनॉमी पर भी तगड़ा असर पड़ता है।
प्रयागराज में महाकुंभ मेले का आगाज हो चुका है, जिसमें देश-विदेश से करोड़ों की तादाद में साधु-संत व श्रद्धालुओं का जमावड़ा लगा है। महाकुंभ का आध्यात्मिक और सांस्कृतिक महत्व होने के साथ ही इसका देश की इकोनॉमी पर भी तगड़ा असर पड़ता है। महाकुंभ में जहां लोग आस्था की डुबकी लगाते हैं वहीं यह महाकुंभ अर्थव्यवस्था को बूस्ट देगा। अनुमान लगाया जा रहा है कि इस साल महाकुंभ मेले से 4 लाख करोड़ से अधिक की कमाई हो सकती है।
45 दिनों तक चलने वाले इस महापर्व में संगम किनारे 40 करोड़ से अधिक लोगों के जुटने की उम्मीद है। महाकुंभ के लिए उत्तर प्रदेश की सरकार ने 7,000 करोड़ रुपए का बजट आबंटित किया है। करीब 4,000 हैक्टेयर में आयोजित इस महापर्व का समापन 26 फरवरी को महाशिवरात्रि के दिन होगा।
अनुमान लगाया जा रहा है कि इस साल आयोजित हुए महाकुंभ से उत्तर प्रदेश की इकोनॉमी में 2 लाख करोड़ रुपए जुड़ सकते हैं। अनुमानित तौर पर यहां जुटने वाले 40 करोड़ लोग औसतन 5,000 रुपए खर्च करते हैं। इससे प्रदेश सरकार को 2 लाख करोड़ रुपए की कमाई होगी।
Comments (0)