कोयला क्षेत्र में आगामी वर्ष 2025 में अनेक गतिविधियां होने की संभावना है, जिनमें पहली बार ‘कोल एक्सचेंज' शुरू करने से लेकर अर्थव्यवस्था की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए कोयले के व्यापार तथा दर निर्धारण को सुगम बनाना शामिल है। सरकार कोयला गैसीकरण के क्षेत्र में भी अधिक काम करने का इरादा रखती है क्योंकि यह ऊर्जा बदलाव के लिए उच्च प्राथमिकता सूची में है। कोयला गैसीकरण कोयले को जलाने की तुलना में अधिक स्वच्छ विकल्प है क्योंकि यह इसके रासायनिक गुणों के उपयोग की सुविधा प्रदान करता है।
सार्वजनिक क्षेत्र की कोल इंडिया लिमिटेड और इसकी अनुषंगी कंपनियों के साथ-साथ वाणिज्यिक तथा निजी इस्तेमाल वाली खदानों में उत्पादन दर में उत्कृष्ट वृद्धि देखी गई है। कोयला मंत्रालय को उम्मीद है कि आगामी वर्ष में यह वृद्धि जारी रहेगी। डेलॉयट इंडिया के अनुसार, देश में थर्मल कोयले का उत्पादन 8-10 प्रतिशत की दर से बढ़ने की उम्मीद है, जिसका मुख्य कारण खुदरा और वाणिज्यिक स्रोतों से बिजली की खपत में वृद्धि है। यह वृद्धि निजी इस्तेमाल वाली खदानों द्वारा संचालित होने की उम्मीद है, जिससे उत्पादन बढ़कर 17.5 करोड़ टन होने की संभावना है।
कोयला क्षेत्र में आगामी वर्ष 2025 में अनेक गतिविधियां होने की संभावना है, जिनमें पहली बार ‘कोल एक्सचेंज' शुरू करने से लेकर अर्थव्यवस्था की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए कोयले के व्यापार तथा दर निर्धारण को सुगम बनाना शामिल है।
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