प्रीतिश नंदी, एक महान फिल्म निर्माता, लेखक, कवि और पत्रकार, का 73 वर्ष की आयु में निधन हो गया।
प्रीतिश नंदी, एक महान फिल्म निर्माता, लेखक, कवि और पत्रकार, का 73 वर्ष की आयु में निधन हो गया। उन्होंने अपने करियर में कई यादगार फिल्में बनाईं और फिल्म, साहित्य, कला और पत्रकारिता के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया। वह महाराष्ट्र से राज्यसभा सांसद भी रहे और एक प्रतिष्ठित पत्रकार के रूप में, उन्होंने कई मीडिया संस्थानों में सेवा दी। उनकी मृत्यु से फिल्म और साहित्य जगत में एक बड़ी क्षति हुई है।
कई यादगार फिल्मों का किया निर्माण
प्रीतिश नंदी ने साल 1993 में ‘प्रीतिश नंदी कम्युनिकेशंस’ की स्थापना की और इसके गैर-कार्यकारी अध्यक्ष और रचनात्मक सलाहकार बने रहे। कंपनी का पहला कार्यक्रम ‘द प्रीतिश नंदी शो’ नामक एक चैट शो था, जो दूरदर्शन पर प्रसारित होता था। यह भारतीय टेलीविजन पर पहला सिग्नेचर शो था, इस शो में उन्होंने कई दिग्गजों का साक्षात्कार लिया था। उन्होंने अपने करियर में कुल 24 फिल्मों का निर्माण किया। आइए जानते हैं वह कौन-कौन सी फिल्में हैं।
इन फिल्मों का किया निर्माण
मशहूर निर्माता ने अपने फिल्मी करियर में कई शानदार फिल्मों का निर्माण किया। जिसमें, ‘कुछ खट्टी कुछ मीठी’, ‘द मिस्टिक मस्सेर’, ‘सुर’, ‘कांटे’, ‘झंकार बीट्स’, ‘मुंबई मैटिनी’, ‘चमेली’, ‘पॉपकॉर्न खाओ! मस्त हो जाओ’, ‘शब्द’, ‘हजारों ख्वाहिशें ऐसी’, ‘एक खिलाड़ी एक हसीना’, ‘अनकही’, ‘प्यार के साइड इफेक्ट्स’, ‘बो बैरक फॉरएवर’, ‘जस्ट मैरिड’, ‘अग्ली और पगली’, ‘मीराबाई नॉट आउट’, ‘धीमे धीमे’, ‘रात गई बात गई?’, ‘क्लिक करें’, ‘मोटा!’ , ‘शादी के साइड इफेक्ट्स’ और ‘मस्तीजादे’ शामिल है। उनकी कंपनी ने हाल ही में वेब सीरीज ‘फोर मोर शॉट्स प्लीज’ और एंथोलॉजी सीरीज ‘मॉडर्न लव मुंबई’ का निर्माण किया है।
इन पुरस्कारों से हुए सम्मानित
प्रीतिश नंदी को उनके काम के लिए कई पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है। उन्हें साल 1977 में भारतीय साहित्य में योगदान के लिए भारत के राष्ट्रपति से पद्मश्री सम्मान प्राप्त हुआ। साल 2008 में कर्मवीर पुरस्कार मिला। हॉलीवुड में ‘ह्यूमन सोसाइटी ऑफ द यूनाइटेड स्टेट्स’ द्वारा आयोजित ‘जेनेसिस अवार्ड्स 2012’ में ‘अंतर्राष्ट्रीय मानवतावादी पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया। बांग्लादेश की प्रधानमंत्री से ‘बांग्लादेश मुक्ति संग्राम पुरस्कार’ भी उन्हें प्राप्त हुआ।
साहित्य में भी दिया योगदान
उन्होंने अंग्रेजी में कविता की चालीस पुस्तकें लिखीं और बंगाली, उर्दू और पंजाबी के अन्य लेखकों की कविताओं का अंग्रेजी में अनुवाद किया। प्रीतिश नंदी की कविताओं की पहली पुस्तक ‘ऑफ गॉड्स एंड ऑलिव्स’ 1967 में प्रकाशित हुई थी। जुलाई 1981 में सैन फ्रांसिस्को में कवियों की ‘पांचवीं विश्व कांग्रेस’ में उन्हें विश्व कला और संस्कृति अकादमी द्वारा कवि पुरस्कार विजेता के रूप में नामित किया गया था।
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