शुरुआती अवस्था में ही कैंसर का पता लगाने के लिए भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) इंदौर ने एक उपकरण तैयार किया है। इसमें फोटो अकास्टिक तकनीक (प्रकाश और ध्वनि संबंधी) का उपयोग करके बीमारी की गंभीरता का पता लग सकेगा। यह कैंसर स्क्रीनिंग डिवाइस उन सुदूर क्षेत्रों के मरीजों के लिए काफी फायदेमंद होगी, जहां कैंसर की रिपोर्ट आने में पांच-सात दिन का समय लग जाता है। यह मशीन खासकर स्तन कैंसर का शीघ्र पता लगा सकेगी।
संस्थान इस उपकरण का क्लिनिकल टेस्ट करने की प्रक्रिया जल्द शुरू करेगा। IIT इंदौर के शोधकर्ताओं ने फोटो अकास्टिक तकनीक का उपयोग करके एक काम्पैक्ट और किफायती कैंसर स्क्रीनिंग डिवाइस बनाई है। यह डिवाइस फोटो अकास्टिक स्पेक्ट्रल रिस्पांस (पीएएसआर) के सिद्धांत पर आधारित है, जो असामान्य ऊतक परिवर्तनों का पता लगाने के लिए आप्टिकल और अकास्टिक संकेतों का उपयोग करता है।
इसका उद्देश्य भारत में विशेषकर स्तन कैंसर का शीघ्र पता लगाना है। संस्थान के इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर श्रीवत्सन वासुदेवन ने इस डिवाइस को विकसित किया है।
शुरुआती अवस्था में ही कैंसर का पता लगाने के लिए भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) इंदौर ने एक उपकरण तैयार किया है। इसमें फोटो अकास्टिक तकनीक (प्रकाश और ध्वनि संबंधी) का उपयोग करके बीमारी की गंभीरता का पता लग सकेगा। यह कैंसर स्क्रीनिंग डिवाइस उन सुदूर क्षेत्रों के मरीजों के लिए काफी फायदेमंद होगी, जहां कैंसर की रिपोर्ट आने में पांच-सात दिन का समय लग जाता है। यह मशीन खासकर स्तन कैंसर का शीघ्र पता लगा सकेगी।
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