यदि बार-बार आपका मूड स्विंग होता रहता है तो यह आपकी मानसिक स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। मूड स्विंग से बचने के लिए आपको अपने डाइट में कुछ जरूरी बदलाव करना चाहिए।
मूड में अचानक और तेज बदलाव होना मूड स्विंग कहलाता है। काम के प्रेशर और तनाव की वजह से मूड स्विंग एक आम समस्या बनती जा रही है। बार-बार मूड स्विंग होने से हमारे मानसिक स्वास्थ्य पर गहरा प्रभाव पड़ सकता है।
मानसिक और शारीरिक थकान, हार्मोनल इंबैलेंस, अत्यधिक तनाव और खराब लाइफस्टाइल की वजह से मूड स्विंग हो सकते हैं। समय रहते इसे कम करने का प्रयास करना चाहिए। वरना कई मानसिक समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
मूड स्विंग के प्रमुख कारण क्या है
खास तौर पर महिलाओं में पीरियड्स के पहले और उसके दौरान हार्मोनल और संतुलन की वजह से मूड स्विंग होता रहता है। गर्भवती महिला या मेनोपॉज के दौरान भी यह देखने को मिल सकता है। यदि शरीर में पोषण तत्वों की कमी होती है तो इससे भी मूड में बदलाव होते रहते हैं कई बार अपर्याप्त नींद के कारण मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ता है और मूड स्विंग जैसी चीज देखने को मिल सकते हैं यदि कोई व्यक्ति जंक फूड अधिक खाता है और काफी डिजिटल डिवाइसेज का उपयोग करता है तो भी मूड स्विंग की शिकायत हो सकती है।
जीवन शैली में करेंगे बदलाव
मूड स्विंग की समस्या से बचने के लिए आपको अपने जीवन शैली में कुछ जरूरी बदलाव करने चाहिए जैसे कि सुबह की शुरुआत हमेशा व्यायाम से करें।यदि आप जल्दी थक जाते हैं तो हल्के व्यायाम भी कर सकते हैं। जरूरत के अनुसार पर्याप्त नींद लें। हर व्यक्ति की नींद की आवश्यकता अलग होती है इसलिए कम से कम 7 से 8 घंटे की नींद जरूर लें। यदि आप मूड स्विंग से बचना चाहते हैं तो कैफीन और शुगर का सेवन भी सीमित मात्रा में करें।
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