जब हम लगातार क्रियाशील होते हैं तो पसीना आना शरीर की स्वाभाविक प्रक्रिया है। इससे शरीर अपने आंतरिक तापमान को नियंत्रित करता है। व्यायाम आदि के दौरान पसीना आने के साथ ही सनस्क्रीन नीचे बहने व बालों में गंदगी जैसी स्थिति बन जाती है।
आप कोई भी व्यायाम कर रहे हों, यहां तक कि पैदल चल रहे हों या साइकिल चला रहे हों, तब भी शरीर में पसीना आना एक आम बात है। पसीना आना एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसमें हमारा शरीर अपने आंतरिक तापमान को नियंत्रित करता है। यानी पसीना आना एक तरह से शरीर के ठंडा होने की एक प्रक्रिया है। कड़ा व्यायाम करने पर शरीर का अंदरूनी तापमान बढ़ जाता है, जिससे त्वचा पर मौजूद हमारे पसीने की ग्रंथियां पसीना छोड़ती हैं। बाहरी तापमान में बदलाव के साथ ही भावनात्मक स्थिति जैसे कारक पसीना आने का कारण बन सकते हैं। वहीं कई मामलों में सामने आया कि पसीना न आने के बड़े स्वास्थ्य संबंधी नुकसान हो सकते हैं।
सनस्क्रीन का बहना
अकसर जॉगिंग करते समय मॉश्चराइजिंग क्रीम या सनस्क्रीम बह जाती है और वह आंखों में आने लगती है। इसके लिए जरूरी है कि वर्कआउट से पहले क्रीम की हल्की परत लगाएं। वहीं माथे पर कॉटन के कपड़े से बना स्वैट बैंड आपके पसीने को आंखों में आने से रोकता है।
होंठों सूखने पर जलपान का असर
एक्सरसाइज करते समय अकसर होंठ सूखने लगते हैं, जो शरीर में पानी की कमी की ओर इशारा करते हैं। इसके लिए दिनभर में कम से कम आठ गिलास पानी तो पीना ही चाहिए। इससे स्वाभाविक है पसीना भी खूब आयेगा। एक्सरसाइज करते समय सांस चढ़ने से मुंह की बजाय सांस नाक से ही लेनी चाहिए और होंठों पर बार-बार जीभ नहीं फिरानी चाहिए। क्योंकि मुंह की लार में मौजूद एंजाइम्स से होंठ जल्दी सूखने लगते हैं। ऐसे में बेहतर है कि एक्सरसाइज करने से पहले अच्छी क्वालिटी की लिप बाम लगाएं।
बालों की सुरक्षा
एक्सरसाइज के दौरान पसीना आने से बालों में गंदगी और पसीने में मौजूद मिनरल जमा हो जाते हैं, जिनकी सफाई जरूरी है। अगर बालों में रोज शैंपू किया जाए तो वे ड्राई हो जाते हैं। इसके लिए बालों के लिए माइल्ड शैंपू का इस्तेमाल करें। सप्ताह में एक बार बालों में हाइड्रेटिंग मास्क लगाकर उन्हें भाप देनी चाहिए। इससे बालों में रूखापन नहीं होता।
पसीना न आये तो
कुछ लोगों को पसीना कम आता है, यह बात तो स्वाभाविक है। लेकिन यदि आपको पसीना बिल्कुल न आ रहा हो तो इसकी वजह आपकी पसीने की ग्रंथियों का ठीक से काम नहीं करना भी हो सकती है। इस स्थिति को हाइपोहाइड्रोसिस या एनहाइड्रोसिस के रूप में जाना जाता है। यह आपके स्वास्थ्य पर असर डाल सकता है।
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