बीजिंग, सत्ता में पांचवीं बार फिर से चुने जाने के कुछ दिनों बाद राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन अपनी पहली विदेश यात्रा पर चीन पहुंचे हैं। बृहस्पतिवार को जिनपिंग और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने चीन और रूस के बीच के संबंधों को गहरा करने के लिए एक संयुक्त बयान पर हस्ताक्षर किए। साथ ही दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंधों की स्थापना के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच संबंध दुनिया के लिए एक स्थिर कारक और अन्य देशों के लिए एक अच्छा उदाहरण बन गए हैं। शी ने दो दिवसीय यात्रा पर पुतिन का स्वागत करते हुए कहा कि चीन-रूस राजनयिक संबंधों की 75वीं वर्षगांठ मनाना एक निर्णायक विषय है। रूस-यूक्रेन का जिक्र किए बिना उन्होंने कहा, "यह रिश्ता पड़ोसी देशों के लिए एक-दूसरे के साथ सम्मान और स्पष्टवादिता के साथ व्यवहार करने और दोस्ती तथा पारस्परिक लाभ को आगे बढ़ाने का एक अच्छा उदाहरण बन गया है।"
यूक्रेन युद्ध में रूस के प्रति अपना समर्थन वापस लेने के लिए अमेरिका और यूरोपीय संघ चीन पर दबाव बना रहे हैं। शी ने कहा कि वह और पुतिन 40 से अधिक बार मिल चुके हैं जिसमें बातचीत के दौरान रणनीतिक मार्गदर्शन प्रदान किया गया है जिससे रिश्तों का मजबूत, स्थिर और सुचारू विकास सुनिश्चित हुआ है। ची ने कहा," चीन-रूस के आपसी संबंध कड़ी मेहनत से बनाए गए हैं जिन्हें दोनों पक्षों द्वारा संजोने और पोषित करने की आवश्यकता है।" उन्होंने कहा, "चीन-रूस संबंधों का स्थिर विकास न केवल दोनों देशों और दोनों लोगों के बुनियादी हितों में है बल्कि क्षेत्र और दुनिया भर में शांति, स्थिरता और समृद्धि के लिए भी अनुकूल है।" पुतिन ने अपने भाषण में शी को 'मेरे प्रिय मित्र' कहकर संबोधित किया।
सत्ता में पांचवीं बार फिर से चुने जाने के कुछ दिनों बाद राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन अपनी पहली विदेश यात्रा पर चीन पहुंचे हैं।
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