घटती नौकरी बनी चिंता का विषय
बीते शुक्रवार को अमेरिका के ब्यूरो ऑफ लेबर स्टेटिस्टिक्स ने नौकरियों पर डेटा जारी किया था. इसमें बताया था कि जुलाई में 1.14 लाख लोगों को ही नौकरियां मिलीं. जबकि, अब तक हर महीने औसतन 2.15 लाख नौकरियां मिलती थीं.जुलाई लगातार तीसरा महीना रहा, जब बेरोजगारी दर बढ़ी. जुलाई में बेरोजगारी दर 4.3% रही. जबकि, इससे पहले जून में 4.1% और मई में 4% थी. जुलाई में बेरोजगारी दर का आंकड़ा अक्टूबर 2021 के बाद सबसे ज्यादा रहा. आंकड़े बताते हैं कि पुरुषों में बेरोजगारी दर 4% और महिलाओं में 3.8% रही. सबसे ज्यादा बेरोजगारी दर ब्लैक और अफ्रीकी-अमेरिकियों में रही. ब्लैक और अफ्रीकी-अमेरिकियों में बेरोजगारी दर 6.3% रही, जबकि जुलाई 2023 में ये 5.7% थी. बेरोजगारों में तकरीबन 11 लाख लोग ऐसे हैं, जिन्हें अस्थाई तौर पर नौकरी से निकाला गया है. यानी, इन्हें बाद में फिर से नौकरी पर रखा जा सकता है. जबकि, 17 लाख लोग ऐसे हैं जिन्हें कंपनियों ने स्थाई तौर पर नौकरी से निकाल दिया है.अमेरिका में लंबे वक्त से बेरोजगारों की संख्या भी सालभर में तीन लाख से ज्यादा बढ़ गई है. जुलाई तक अमेरिका में 15 लाख से ज्यादा लोग ऐसे थे, जो लंबे वक्त से बेरोजगार हैं. जबकि, एक साल पहले तक ऐसे बेरोजगारों की संख्या 12 लाख के आसपास थी.मंदी की आशंका क्यों?
अमेरिकी सरकार ने बेरोजगारी पर जुलाई के जो आंकड़े जारी किए हैं, उससे मंदी की आशंका पैदा हो गई है. अमेरिका में मंदी को लेकर एक नियम चलता है. ये नियम पूर्व अर्थशास्त्री ने बनाया था. ये नियम कहता है कि अगर लगातार तीन महीने तक बेरोजगारी दर पिछले साल के निचले स्तर से आधे प्वॉइंट भी बढ़ जाती है तो मान लेना चाहिए कि मंदी आ गई है.अमेरिकी रिपोर्ट का भारतीय बाजार पर असर
शुक्रवार को बेरोजगारी पर रिपोर्ट आने के बाद अमेरिकी शेयर मार्केट में भी गिरावट देखी गई थी. शुक्रवार को डाउ जोंस 600 प्वॉइंट गिर गया था. अब सोमवार को दुनियाभर में शेयर बाजारों में गिरावट देखी जा रही है. भारत में सोमवार को सेंसेक्स में दो हजार से ज्यादा और निफ्टी 650 से ज्यादा प्वॉइंट की गिरावट देखी जा रही है. इसके लिए अमेरिका की जॉब पर रिपोर्ट को ही जिम्मेदार माना जा रहा है. वो इसलिए क्योंकि इस रिपोर्ट के कारण अमेरिका में मंदी की आशंका तेज हो गई है. इसका असर शेयर मार्केट में दिख रहा है. दरअसल, जब-जब अमेरिका में अर्थव्यवस्था के कमजोर होने का संकेत मिलता है, तब-तब निवेशक अपना पैसा निकालना शुरू कर देते हैं, जिस कारण शेयर मार्केट गिर जाता है. अमेरिकी शेयर मार्केट में गिरावट के चलते भारतीय बाजार में भी बिकवाली बढ़ जाती है. लोग अपना पैसा निकालने लगते हैं.10.24 लाख करोड़ का नुकसान
सोमवार को शेयर बाजार में आई तबाही की वजह से बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्टेड सभी कंपनियों के मार्केट कैप में 10.24 लाख करोड़ रुपये की रिकॉर्ड गिरावट दर्ज की गई है, जिसके बाद यह 446.92 लाख करोड़ रुपये रह गया है. वहीं, शुक्रवार की बात करें तो, इस दिन निवेशकों के 4.56 लाख करोड़ डूबे थे. ब्लू-चिप शेयरों में टाटा मोटर्स, टाटा स्टील, एमएंडएम, मारुति और जेएसडब्ल्यू स्टील जैसी कंपनियों का सबसे ज्यादा झटका लगा है, जिनमें 6% तक की गिरावट आई.ये हैं 5 प्रमुख कारण
1. शुक्रवार को अमेरिका में जॉब ग्रोथ रिपोर्ट सामने आने के बाद अमेरिकी बाजार में मंदी की संभावना प्रबल हो गई है. रिपोर्ट में जुलाई महीने में उम्मीद से कम जॉब ग्रोथ दर्ज की गई है. लेबर डिपॉर्टमेंट ने रिपोर्ट किया है कि पिछले महीने गैर-कंपनी पेरोल नौकरियों में 114,000 की बढ़ोतरी हुई है. जबकि बेरोजगारी दर में भी लगभग 4.3% का उछाल आया है, जो बीते तीन सालों में सबसे अधिक है.
2.बैंक ऑफ जापान की ओर से ब्याज दरों में 0.25% की बढ़ोतरी करने और बॉन्ड खरीद घटाने के बाद एथे येन ने इसका समर्थन किया और निवेशकों को नुकसान से बचने के लिए अपनी स्थिति कम करने के लिए मजबूर किया. इससे US Tech Stocks में बिकवाली देखने को मिल रही है और एशिया सहित ग्लोबल मार्केट्स पर असर पड़ रहा है.
3. सोमवार को आई गिरावट में जियो-पॉलिटिकल टेंशन भी एक अहम कारण माना जा रहा है. दरअसल,ईरान और उसके रिजनल सहयोगियों से हमलों की संभावना ने मार्केट के सेंटिमेंट को प्रभावित किया है.
4.पिछले हफ्ते, भारतीय बाजा की मूल्यांकन जीडीपी अनुपात रिकॉर्ड उछाल के साथ 150%.पर पहुंच गया था. डॉ. विजयकुमार ने कहा, "भारत में मूल्यांकन, मुख्य रूप से निरंतर तरलता प्रवाह द्वारा संचालित, विशेष रूप से मिड और स्मॉलकैप सेगमेंट में उच्च बना हुआ है.
5.बीते सप्ताह पहली बार 25,000 के स्तर को छूने के बाद निफ्टी में गिरावट आई. जेमस्टोन इक्विटी रिसर्च के मिलन वैष्णव ने कहा, "बाजार औसत से काफी विचलित रहा। निकटतम 20-अवधि एमए 1533 अंक है और 50-अवधि एमए शुक्रवार के बंद से 3018 अंक है। औसत पर कोई भी छोटा सा उलटफेर एक मापा सुधारात्मक कदम उठाने के लिए पर्याप्त जगह छोड़ता है."
Written by- Uday singh
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