भूमध्य सागर में कभी भी बारूदी जलजला आ सकता है क्योंकि रूस ने एक और युद्धपोत काला सागर से भूमध्य सागर में भेज दिया है. उसकी तैनाती एकदम फ्रांस के पास की है. उधर युद्ध का अंदेशा देखते हुए फ्रांस ने नाटो से मदद मांगी है. जिसके बाद अमेरिका ने ग्रीस मिलिट्री बेस पर बॉम्बर तैनात करके रूस को चैलेंज किया है. आखिर फ्रांस-रूस की तनातनी में ग्रीस कैसे एपिसेंटर बन रहा है.
कहीं ऐसा ना हो कि अब यूक्रेन से युद्ध शिफ्ट होकर दूसरे यूरोपीय देशों तक पहुंचने लगे. अगर ऐसा हुआ तो रूस के निशाने पर सबसे पहला नाम फ्रांस हो सकता है. क्योंकि भूमध्य सागर में हालात ऐसे बनते जा रहे हैं जिससे कभी भी फ्रांस और रूस में युद्ध शुरू हो सकता है. अब इसके पीछे का वजह भी समझ लेते हैं.
रूस और फ्रांस के बीच बढ़ते तनाव की वजह से ग्रीस नया एपिसेंटर बनने की कगार पर खड़ा हो गया है. रूस ने काला सागर में तैनात अपने युद्धपोत को भूमध्य सागर में उतार दिया है. दूसरी ओर फ्रांस ने युद्ध का अंदेशा देखते हुए नाटो से मदद मांगी है. अमेरिका ने ग्रीस में न्यूक्लियर पावर एयरक्राफ्ट तैनात कर दिए हैं
Comments (0)