तेल अवीव: इजरायल और हमास के बीच जारी युद्ध थमने का नाम नहीं ले रहा है। दोनों के बीच युद्धविराम की मध्यस्थता के पटरी से उतरने के बाद अमेरिका अब कतर पर हमास के नेताओं को दोहा से बाहर निकालने के लिए दबाव बना रहा है। वहीं, युद्धविराम की विफलताओं के लिए अमेरिका हमास को जिम्मेदार मान रहा है।
कतर लगातार कर रहा बाइडन प्रशासन के आदेशों की अवहेलना
मालूम हो कि कतर लगातार बाइडन प्रशासन के आदेशों का अवहेलना कर रहा है। दरअसल, साल 2011 में अरब स्प्रिंग ने अमेरिका में चिंता बढ़ा दी थी, जिसके बाद अमेरिका ने कतर को हमास के साथ बातचीत करने के लिए प्रोत्साहित किया। सीरियाई विद्रोहियों का समर्थन करने के लिए सीरिया से निकालने के बाद इस आतंकी समूह के कई नेता साल 2012 में कतर चले गए थे। यही कारण है कि हमास सहित विभिन्न गुटों के साथ घनिष्ठ संबंधों के कारण कतर इजरायल और हमास के बीच जारी युद्ध में एक महत्वपूर्ण मध्यस्थता बना गया था। वहीं, अमेरिका ने कतर में रहने वाले हमास के कई वरिष्ठ अधिकारियों पर पहले ही प्रतिबंध लगा रखा है। वहीं, हमास को अगर कतर छोड़ने के लिए मजबूर किया गया तो वह तुर्किये, लेबनान सहित कई देशों में शरण ले सकता है।
इजरायल ने गाजा से युद्ध खत्म करने से किया इनकार
इधर, इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने साफ कर दिया है कि गाजा में युद्ध खत्म करने, सेना की वापसी और हमास को वहां की सत्ता में बनाए रखने की शर्तों को इजरायल नहीं मानेगा। उन्होंने कहा, इजरायल के सुरक्षित भविष्य के लिए हमास की सैन्य क्षमता का खात्मा जरूरी है। इजरायल सात अक्टूबर, 2023 को लिए गए संकल्प से पीछे नहीं हटेगा।
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