बांग्लादेश में छात्रों के नेतृत्व में यह विरोध प्रदर्शन मुख्य रूप से, शेख हसीना के नेतृत्व वाली सरकार की जॉब कोटा सिस्टम के खिलाफ है. यह सिस्टम कुछ समूहों के लिए सरकारी नौकरियों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा आरक्षित करता है जिसके विरोध में लोग सड़को पर उतर आए है.
सरकारी नौकरियों में कोटा सिस्टम खत्म करने की मांग
बांग्लादेश में सरकारी नौकरियों में कोटा सिस्टम खत्म करने की मांग को लेकर चल रहा छात्रों का हिंसक विरोध प्रदर्शन जारी है. नौकरियों में आरक्षण खत्म करने की मांग को लेकर भड़के विरोध प्रदर्शन के कारण इस सप्ताह बांग्लादेश में स्थिति बिगड़ गई, अधिकारियों को बस और ट्रेन सेवाएं बंद करनी पड़ीं. पूरे देश में स्कूल और विश्वविद्यालय बंद करने पड़े. बांग्लादेश में छात्रों के नेतृत्व में यह विरोध प्रदर्शन मुख्य रूप से, शेख हसीना के नेतृत्व वाली सरकार की जॉब कोटा सिस्टम के खिलाफ है. यह सिस्टम कुछ समूहों के लिए सरकारी नौकरियों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा आरक्षित करता है. प्रदर्शनकारी छात्रों का तर्क है कि यह कोटा सिस्टम भेदभावपूर्ण है और मेधावी उम्मीदवारों को सरकारी पद हासिल करने से रोकता है.बांग्लादेश में ऐसी है आरक्षण व्यवस्था
1. स्वतंत्रता सेनानियों के बच्चों को सरकारी नौकरियों में 30% आरक्षण मिलता है.
2. बांग्लादेश में महिलाओं के लिए भी 10 फीसदी आरक्षण की व्यवस्था है.
3. इसके अलावा 10 फीसदी आरक्षण अलग-अलग जिलों के लिए तय है.
4. एथनिक माइनोरिटी जैसे संथाल, पांखो, त्रिपुरी, चकमा, खासी और विकलांगों के लिए 6% कोटा है.
5. इन सभी आरक्षणों को जोड़कर 56% होता है. इसके अलावा बचा 44% मेरिट के लिए रखा गया है.
हिंसक झड़पों में 100 से ज्यादा की मौत, 2500 से ज्यादा जख्मी
हिंसक झड़पों में अब तक 105 से ज्यादा लोग मारे गए हैं. शेख हसीना के नेतृत्व वाली सरकार ने कानून-व्यवस्था की चिंताजनक स्थिति को नियंत्रित करने के लिए राष्ट्रव्यापी कर्फ्यू लागू करने और सेना उतारने का फैसला किया है. लाठी, डंडे और पत्थर लेकर सड़कों पर घूम रहे प्रदर्शनकारी छात्र बसों और निजी वाहनों को आग के हवाले कर रहे हैं. अब तक 2500 से ज्यादा प्रदर्शनकारी पुलिस और सुरक्षा बलों के हाथ झड़प में जख्मी हुए हैं. देश में मोबाइल इंटरनेट सर्विस बंद कर दी गई है.भारत ने बताया बांग्लादेश का आंतरिक मामला
भारत ने इन हिंसक विरोध प्रदर्शनों को बांग्लादेश का आंतरिक मामला बताया है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने अपनी साप्ताहिक मीडिया ब्रीफिंग में कहा कि पड़ोसी देश में रह रहे 15000 भारतीय सुरक्षित हैं, जिनमें 8500 के करीब छात्र हैं. उन्होंने कहा कि विदेश मंत्रालय स्थिति पर करीब से नजर रख रहा है. ढाका में भारतीय उच्चायोग देश लौटने के इच्छुक भारतीय छात्रों को पर्याप्त सुरक्षा प्रदान करने के लिए स्थानीय अधिकारियों के साथ समन्वय कर रहा है. शुक्रवार रात 8 बजे तक 125 छात्रों सहित 245 भारतीय बांग्लादेश से लौट आए हैं.Written by- Uday
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