मध्य यूरोप के 6 देशों में आई भीषण बाढ़ से भारी तबाही मची हुई है। तेज बारिश के कारण नदियां उफान पर हैं और बाढ़ से लाखों लोग प्रभावित हुए हैं। अब तक 22 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। सबसे ज्यादा प्रभावित देशों में रोमानिया, पोलैंड, चेक गणराज्य, ऑस्ट्रिया, स्लोवाकिया और हंगरी शामिल हैं। बाढ़ से जनजीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त हो गया है। मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों में और बारिश होने की संभावना जताई है, जिससे बाढ़ की स्थिति और खराब हो सकती है। इन देशों की सरकारें और स्थानीय प्रशासन लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने और बाढ़ के प्रभाव को कम करने के लिए दिन-रात काम कर रहे हैं, लेकिन स्थिति अभी भी नियंत्रण से बाहर है। यह बाढ़ न केवल जान-माल का नुकसान कर रही है, बल्कि इन देशों के लिए गंभीर आर्थिक और सामाजिक संकट भी पैदा कर रही है।
बचाव व राहत कार्य
बाढ़ प्रभावित इलाकों में हजारों लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के लिए हेलिकॉप्टरों और नावों का उपयोग किया जा रहा है। पोलैंड के रोक्लॉ चिड़ियाघर में जानवरों को बचाने के लिए लोगों से मदद की अपील की गई है। यहां सैंडबैग लगाए जा रहे हैं ताकि बाढ़ का पानी जानवरों तक न पहुंचे। चेक गणराज्य के गवर्नर जोसेफ बेलिका ने बताया कि अब तक 15,000 लोगों को रेस्क्यू किया गया है। पोलैंड के प्रधानमंत्री डोनाल्ड टस्क ने चेतावनी दी है कि अगले कुछ दिन अत्यधिक चुनौतीपूर्ण हो सकते हैं और सभी को सतर्क रहने की सलाह दी है।
अरबों डॉलर का हुआ नुकसान
इस बाढ़ से मध्य यूरोप में अरबों डॉलर का नुकसान हो चुका है। इंश्योरेंस कंपनियों का अनुमान है कि अकेले चेक गणराज्य में ही लगभग 63,040 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। प्रभावित देशों में बुनियादी ढांचे, फसलों, और ऐतिहासिक धरोहरों को भी भारी नुकसान पहुंचा है। बाढ़ के दौरान कुछ जगहों पर लूटपाट की घटनाएं भी सामने आई हैं। खाली घरों का फायदा उठाकर कुछ अपराधियों ने चोरी की घटनाओं को अंजाम दिया है, जिससे कानून और व्यवस्था की स्थिति और अधिक चुनौतीपूर्ण हो गई है। कई इलाकों में बिजली और पानी की सप्लाई ठप हो गई है। हजारों घरों में बिजली नहीं है, जिससे लोगों को अंधेरे में रहना पड़ रहा है। संचार व्यवस्था भी बाधित हुई है, जिससे राहत कार्यों में देरी हो रही है।
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