अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में करीब 3 महीनों का वक्त बचा है, इस चुनाव पर सबकी नजर है. अमेरिका को दुनिया का ताकतवर देश कहा जाता है और UN, NATO से लेकर IMF तक इसका खास वर्चस्व है. अमेरिका की सत्ता में बदलाव होना, दुनिया के कई मुद्दों पर असर डालेगा. इस चुनाव में रिपब्लिकन पार्टी की ओर से अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर से संभावित उम्मीदवार उप राष्ट्रपति कमला हैरिस आमने सामने हैं.
डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर से जो बाइडेन के उम्मीदवार रहने तक ट्रंप राष्ट्रपति दौड़ में आगे नजर आ रहे थे. ट्रंप अक्सर सोशल मीडिया और चुनाव प्रचार में जो बाइडेन की बढ़ती उम्र पर तंज कसते नजर आए थे, लेकिन 21 जुलाई को वक्त ने ऐसी करवट बदली कि 78 साल के ट्रंप का दाव खुद पर ही उल्टा पड़ गया. जो ट्रंप अपनी कम उम्र के साथ खुद को मजबूत उम्मीदवार साबित करने में लगे थे, वे अब इस चुनाव के सबसे उम्रदराज उम्मीदवार बन गए हैं.
कमला हैरिस ने आते ही ट्रंप को राष्ट्रपति की दौड़ में पीछे कर दिया है. ऐसा सर्वे में भी सामने आने लगा है. कमला अमेरिका की जनता का मूड भाप चुकी हैं और वे अपने बयानों और चुनाव प्रचार में उसी हिसाब से आगे बढ़ रही हैं. जो बाइडेन के पीछे हटने के बाद से ही कमला गन वायलेंस, प्रवासी, भ्रष्टाचार, व्यापार से लेकर फिलिस्तीन-यूक्रेन जैसे मुद्दों पर अपना स्टैंड जनता के सामने रख चुकी हैं. उनके बयानों से लग रहा है कि वे हर वर्ग को अपने साथ लाने की कोशिश कर रही हैं.
कमला हैरिस ने आते ही ट्रंप को राष्ट्रपति की दौड़ में पीछे कर दिया है. कमला अमेरिका की जनता का मूड भाप चुकी हैं और वे अपने बयानों और चुनाव प्रचार में उसी हिसाब से आगे बढ़ रही है.
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