वर्तमान की आपाधापी वाली जिन्दगी में महिलाओ पर घर और कार्यक्षेत्र में अतिव्यस्तता की वजह से उनका आत्मविश्वास डिगा हैं |
जिंदगी में बहुत चुनोतिया हैं और अच्छी तरह से व्यतीत नहीं हो रही है। मेहनत अधिक है, सफलता कोसो दूर। अंतिम बार प्रसन्न कब हुई थीं, शायद याद नहीं। यह स्थिति हममें से लगभग हर एक की है। कारण स्वयं पर विश्वास का अभाव। आत्मविश्वास पैदायशी नहीं होता। इसे स्वयं में विकसित करना पड़ता है। यह हमारे भीतर उच्च, मध्य या निम्न स्तर पर हो सकता है जिसके विषय में हम सभी को संदेह रहता है। आत्मविश्वास को बढ़ाने के लिए हमारे कुछ सुझाव हैं, जो निम्न प्रकार हैं|
अपने आत्मविश्वास को टटोले
कभी कभी परिस्थितियाँ ऐसी हो जाती हंै कि हम खुद पर से विश्वास खोने लगते हैं। हमें स्वयं से ही शिकायत होने लगती है। हम दूसरों के अनुसार स्वयं को ढालने लगते हैं। याद रखें हम जैसे हैं, वैसे ही अच्छे हैं। जिन कार्यों से आपको डर लगता है या जिसे आप अपनी कमी मानती हैं, उन्हें सुधार कर आगे बढ़ें तथा स्वयं को दूसरों से कमतर मानने की आदत छोड़ दें।
वर्तमान में जीने का प्रयास करे
आप किसी हिचकिचाहट के बिना वो करें जो आप सच में चाहती हैं, जिससे आपको सच्ची खुशी मिलती है। आने वाले कल की जिम्मेदारी, योजनाओं और आवश्यकताओं के लिए अपने आज का बलिदान न करिए। अपने वर्तमान को भरपूर ऊर्जा और खुशी के साथ जीएँ।
हतोत्साहित न हों
परिस्थितिया हमेशा अनुकूल नही होती हमारी कोशिश होनी चाहिए की प्रतिकूलता में भी हतोत्साहित न हों। हर बात को गंभीरता से लेना हमेशा समस्या उत्पन्न करता है। आप स्वयं के विषय में दूसरों से अधिक जानती हैं इसलिए ऐसी बातों को नजर अंदाज करें।
व्यायाम और मैडिटेशन
व्यायाम और मैडिटेशनको अपनी देनिक रोजमर्रा के जीवन का अनिवार्य हिस्सा बनाएँ। यह एंटी एंग्जायटी ट्रिटमेंट है। इससे तनाव कम होता है तथा मानसिक सेहत बेहतर होती है। साथ ही हमारी स्मरण शक्ति को बेहतर बनता हैं |
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