इस दुनिया में मां, बाप, भाई-बहन ऐसे रिश्ते है जो इस दुनिया में आकर हमें मिलते है, लेकिन एक ऐसा भी रिश्ता है जो इंसान इस दुनिया में आकर बनाता है, दोस्ती का रिश्ता। इस रिश्ते के लिए कल का दिन बेहद खास है, दोस्ती के रिश्ते को समर्पित यह दिन पूरी दुनिया में जश्न के साथ मनाया जाता है। आइए जानते हैं इस साल भारत में फ्रेंडशिप डे की डेट, इतिहास और उसका महत्व।
अगस्त के पहले रविवार को अंतराष्ट्रीय मित्रता दिवस यानी फ्रेंडशिप डे मनाया जाता है। ये एक दिन दोस्तों को समर्पित है। हर व्यक्ति के जीवन में परिवार के बाद एक ऐसा व्यक्ति जरुर होता है, जिससे खून का रिश्ता भले न हो लेकिन आजीवन दिल का रिश्ता जुड़ जाता है।
दोस्ती के इस रिश्ते का जश्न मनाने के लिए ही हर साल अगस्त को इंटरनेशनल फ्रेंडशिप डे मनाया जाता हैं। आइए जानते हैं इस साल भारत में फ्रेंडशिप की डेट, कैसे हुई इसकी शुरुआत, क्या है इसका इतिहास।
भारत में फ्रेंडशिप डे 2023 कब ?
भारत में फ्रेंडशिप डे 6 अगस्त 2023 रविवार को मनाया जाएगा। भारत के अलावा बांग्लादेश, मलेशिया, ऑस्ट्रेलिया में भी दोस्ती दिवस इसी दिन मनाया जाएगा। दोस्ती दुनिया का सबसे अनमोल रिश्ता है, यही वजह है कि इस दिन को लोग धूमधाम से मनाते हैं।
फ्रेंडशिप डे का इतिहास
30 जुलाई 1958 में अंतरराष्ट्रीय फ्रेंडशिप डे मनाने का प्रस्ताव पराग्वे में पेश हुआ था। 2011 में संयुक्त राष्ट्र ने 30 जुलाई को अंतरराष्ट्रीय फ्रेंडशिप डे मनाने की घोषणा की, हालांकि, अमेरिका, भारत, बांग्लादेश जैसे कई देश फ्रेंडशिप डे अगस्त के पहले रविवार को मनाते हैं। कहते हैं कि, दुनिया के तमाम देशों में दोस्ती के माध्यम से खुशी और एकता के संदेश को फैलाने के समाधान के तौर पर यह दिन अस्तित्व में आया।
कैसे हुई फ्रेंडशिप डे की शुरुआत ?
फ्रेंडशिप डे की शुरुआत को लेकर कई कहानियां प्रचलित है। कहा जाता है कि, 1935 में अमेरिकी सरकार ने अगस्त के पहले रविवार के दिन एक व्यक्ति को मार दिया था। इस खबर से आहत होकर उसके दोस्त ने खुदकुशी कर ली। दोस्ती की ऐसी मिसाल सामने आने के बाद अमेरिकी सरकार ने ही अगस्त के पहले रविवार को फ्रेंडशिप डे रूप में मनाने की घोषणा की। जीवन में दोस्त की अहमियत को समझाने के मकसद से ये दिन सेलिब्रेट किया जाता है।
भारत में फ्रेंडशिप डे का महत्व
भारतीय परंपरा में मित्रता की बहुत सारी कहानियां प्रचलित है। मित्र हमारे जीवन के सुख-दुख के साथी माने जाते हैं, जब भी मित्र की बात आती है तो कृष्ण और सुदामा की दोस्ती की मिसालें दी जाती है। कृष्ण-सुदामा की दोस्ती मित्र के प्रति ईमानदारी, त्याग और सम्मान का भाव दिखाती है। जो एक सच्चे मित्र की पहचान है। कहते हैं परिवार ऊपर वाले की देन है लेकिन मित्र का चुनाव करने का मौका हर व्यक्ति को मिलता है। एक सच्चा मित्र जीवन के हर मोड़ पर साए की तरह साथ रहता है, जो न सिर्फ हमारे जीवन को सफल बनाता है बल्कि खुशियां बांटता है।
Written By: Isa Ahmad
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