


बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र शास्त्री अक्सर अपने बयानों को लेकर सुर्खियों में बने रहते हैं। वृदांवन के संत प्रेमानंद महाराज की रात्रिकालीन पदयात्रा पर कुछ महिलाओं द्वारा आपत्ति उठाने के मामले में धीरेन्द्र शास्त्री ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि पूर्व मे राक्षसों को हवन पूजन मे आपत्ति होती थी, इंसानों को नही। जो देवियों को बाबा की यात्रा से तकलीफ है वह इंसान तो हो ही नही सकता।
जरूरत पड़ी तो वह वृदांवन जाकर बाबा से प्रार्थना करेंगे
उन्होंने कहा कि जिसके पेट मे दर्द है, वह वृदांवन छोड़कर दिल्ली चले जाए। वृदांवन मे तो राधे राधे चलेगा ,जिसको तकलीफ वह उनका पुरजोर विरोध करते है। उनकी वह ठठरी बांधेगे, बाबा बागेश्वर ने कहा कि यदि जरूरत पड़ी तो वह वृदांवन जाकर बाबा से प्रार्थना करेंगे कि वह अपनी यात्रा फिर शुरु करे। हालांकि, श्री हित राधा केलि कुंज आश्रम के सोशल मीडिया पर कहा गया था कि “आप सभी को सूचित किया जाता है कि पूज्य महाराज जी के स्वास्थ्य व बढ़ती हुई भीड़ को देखते हुए, पूज्य महाराज जी, जो पद यात्रा करते हुए रात्रि 02:00 बजे से श्री हित राधा केलि कुंज जाते थे, जिसमें सब दर्शन पाते थे, वो अनिश्चित काल के लिए बंद किया जाता है।”
हिंदुओं के चढ़ावे से हिंदू बेटियों के घर बसाए जाएं- धीरेंद्र शास्त्री
बागेश्वर धाम में गत वर्ष की तरह इस वर्ष भी महाशिवरात्रि के पर्व पर विशाल कन्या विवाह महामहोत्सव आयोजित किया जा रहा है। इस महोत्सव में 251 बेटियों को परिणय सूत्र में बांधा जाएगा, जिन बेटियों को विवाह के लिए चयनित किया गया है, उनकी सूची बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने मीडिया के समक्ष जारी की। इस विवाह में 108 बेटियां आदिवासी समाज से हैं। वहीं, 143 बेटियां सभी समाजों से चयनित की गई हैं। उन्होंने कहा कि इन चयनित बेटियों को धर्मपीठ और राजपीठ सहित विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े लोग सुखी जीवन का आशीर्वाद देंगे।