


उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के धराली गांव में बादल फटने से बहुत बड़े स्तर पर तबाही मची। तेज बारिश के साथ आई बाढ़ ने कई घरों, पुलों और सड़कों को नुकसान पहुंचाया है। सोशल मीडिया पर सामने आए वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि पानी के तेज बहाव के साथ भारी मात्रा में मिट्टी, पत्थर और पेड़ भी बहते हुए दिखाई दे रहे हैं। विशेषज्ञों ने बताया कि उन्होंने पिछले दो दिनों से रेड अलर्ट भी जारी किया हुआ था।
क्या होता है बादल फटना?
मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, अगर किसी इलाके में एक घंटे के भीतर 100 मिलीमीटर या उससे अधिक बारिश हो जाए, तो इसे 'बादल फटना' कहा जाता है। यह घटना आमतौर पर पहाड़ी क्षेत्रों में अधिक देखी जाती है, लेकिन मैदानी इलाकों में भी संभव है।
पहाड़ों में क्यों खतरनाक होता है बादल फटना?
पर्वतीय इलाकों में जमीन समतल न होने के कारण पानी जमा नहीं हो पाता। तेज ढलान के कारण बारिश का पानी तेजी से नीचे की ओर बहता है और नदियों में मिल जाता है। इस कारण नदियों में बहाव बहुत तेज हो जाता है, जो अपने साथ मिट्टी, चट्टानें और पेड़ तक बहा ले जाता है। जिससे बड़ी तबाही होती है।