सावन 2025 की शुरुआत पर आस्था का सैलाब, काशी-हरिद्वार-प्रयागराज में उमड़े श्रद्धालु
सावन मास 2025 की शुरुआत पर काशी, हरिद्वार और प्रयागराज में भारी भीड़ उमड़ी। शिवभक्तों का उमड़ा जनसैलाब, मंदिरों में गूंजा हर-हर महादेव।
Img Banner
profile
Richa Gupta
Created AT: 11 जुलाई 2025
110
0
...

पवित्र सावन महीने की शुरुआत के साथ ही देशभर के प्रमुख तीर्थ स्थलों पर ‘बम-बम भोले’ के जयकारे गूंज रहे हैं। भगवान शिव को समर्पित यह महीना श्रद्धा, आस्था और भक्ति का प्रतीक माना जाता है। इस अवसर पर वाराणसी, हरिद्वार और प्रयागराज जैसे तीर्थ स्थलों पर शुक्रवार की सुबह भक्ति, सेवा और समर्पण के अद्वितीय उदाहरण के रूप में देखी गई। हजारों शिव भक्त मंदिरों में भगवान की पूजा-अर्चना और जलाभिषेक करने के लिए कतारों में खड़े हुए।


देवभूमि हरिद्वार में ‘बम-बम भोले’ और ‘हर-हर महादेव’ के जयकारों की गूंज


देवभूमि हरिद्वार में ‘बम-बम भोले’ और ‘हर-हर महादेव’ के जयकारों की गूंज है। शुक्रवार सुबह से ही ‘हर की पौड़ी’ पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ रही है। दूर-दराज से पहुंचे शिवभक्त गंगा में आस्था की डुबकी लगा रहे हैं और गंगाजल भरकर अपने गंतव्य की ओर रवाना हो रहे हैं।


हरिद्वार के कनखल स्थित दक्षिणेश्वर महादेव मंदिर में सुबह से श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी


हरिद्वार के कनखल स्थित दक्षिणेश्वर महादेव मंदिर में सुबह से श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है। भोले बाबा की ससुराल कहे जाने वाले इस पावन धाम में भक्तों ने जलाभिषेक कर पुण्य अर्जित किया। श्रद्धालुओं का मानना है कि सावन में यहीं से भोलेनाथ सृष्टि का संचालन करते हैं। इसी आस्था के चलते भक्त दूर-दूर से यहां दर्शन के लिए पहुंचे।


हरिद्वार में प्रशासन की ओर से मंदिर में सुरक्षा और सुविधा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं


हरिद्वार में प्रशासन की ओर से मंदिर में सुरक्षा और सुविधा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। जगह-जगह पुलिस बल तैनात है, मेडिकल कैंप, जलपान केंद्र और विश्राम स्थलों की व्यवस्था से श्रद्धालुओं को राहत मिल रही है। कांवड़ यात्रा के लिए आए भक्तों का जोश देखते ही बनता है।


प्रयागराज में भक्तों ने भगवान शिव के विविध रूपों की पूजा-अर्चना की


इसी तरह प्रयागराज में भक्तों की भीड़ सावन के पवित्र महीने पर त्रिवेणी संगम में स्नान करने पहुंची है। श्रद्धालुओं ने ब्रह्म मुहूर्त में ही यमुना किनारे स्थित श्रीमनकामेश्वर मंदिर का रुख किया। भगवान शिव के विविध रूपों की पूजा-अर्चना के लिए गंगाजल, दूध, बेलपत्र आदि लेकर भक्त पहुंचे। मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं की लंबी कतारें देखने को मिलीं। बड़ी संख्या में भक्त दशाश्वमेध घाट पर पवित्र गंगा जल लेने के लिए एकत्रित हुए। ऐसा माना जाता है कि भगवान शिव को अर्पित करने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं।

ये भी पढ़ें
सीएम की घोषणा,कटंगी और पौड़ी बनेगी तहसील,लाड़ली बहना योजना सम्मेलन में शामिल हुए सीएम
...

Spiritual

See all →
Sanjay Purohit
सावन के अंतिम सोमवार पर करें शिव की विशेष आराधना, मिलेगी महादेव की कृपा
सावन का महीना अब समाप्ति की ओर बढ़ रहा है। हिंदू धर्म में सावन मास को भगवान शिव का अत्यंत प्रिय माना जाता है। पुराणों में भी सावन के महीने को बहुत महत्व दिया गया है। इस मास में आने वाले सोमवार विशेष फलदायी माने जाते हैं क्योंकि ये दिन भगवान शिव को समर्पित होते हैं।
78 views • 20 hours ago
Richa Gupta
नाग पंचमी आज, इस विधि से करें पूजा-अर्चना, मंत्र जाप, मिलेगा आशीर्वाद
सावन माह में पड़ने वाली नाग पंचमी का व्रत हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखता है। नाग पंचमी श्रावण माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाई जाती है।
65 views • 2025-07-29
Sanjay Purohit
सावन के सोमवार और शिवालय: आत्मा से शिव तक की यात्रा
सावन का महीना हिन्दू धर्म में विशेष महत्व रखता है। यह समय केवल मौसम की ठंडक और हरियाली का ही नहीं, बल्कि आत्मा की तपस्या और भक्ति की अग्नि में तपने का भी होता है। इस माह के सोमवार—जिन्हें 'सावन सोमवार' कहा जाता है—शिव भक्ति की चरम अवस्था माने जाते हैं।
82 views • 2025-07-28
Richa Gupta
सावन की चतुर्थी पर आज गणेश-शिव पूजन का महासंयोग, इस विधि से करें पिता-पुत्र की आराधना
हिंदू धर्म में हर व्रत और त्योहार का विशेष महत्व है। आज का दिन खास है, आज विनायक चतुर्थी का शुभ पर्व है। इस दिन लोग भगवान गणेश की कृपा पाने के लिए व्रत-पूजन करते हैं।
65 views • 2025-07-28
Sanjay Purohit
सनातन धर्म और नाग पंचमी: श्रद्धा, परंपरा और जीवों की रक्षा का उत्सव
सनातन धर्म की परंपराएँ केवल धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि प्रकृति, जीव-जंतु, और समग्र सृष्टि के प्रति गहन संवेदनशीलता और सम्मान की जीवंत अभिव्यक्ति हैं। इन्हीं परंपराओं में एक विशिष्ट पर्व है नाग पंचमी, जो विशेष रूप से नागों की पूजा और उनके संरक्षण को समर्पित है।
35 views • 2025-07-27
Sanjay Purohit
इस बार कब है राखी का त्योहार, जानिए शुभ मुहूर्त और भद्रा का समय
भाई-बहन के पवित्र रिश्ते का पर्व रक्षाबंधन हर साल श्रावण मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है। इस दिन बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधकर उनकी लंबी उम्र और सुख-समृद्धि की कामना करती हैं, वहीं भाई बहनों की रक्षा का संकल्प लेते हैं।
64 views • 2025-07-25
Sanjay Purohit
सावन, हरियाली और श्रृंगार — सनातन संस्कृति की त्रिवेणी
सावन मात्र एक ऋतु नहीं, बल्कि सनातन संस्कृति की आत्मा को छू लेने वाला एक आध्यात्मिक और सांस्कृतिक उत्सव है। यह वह कालखंड है जब आकाश से बूंदें नहीं, वरन् देवी-आशीर्वाद बरसते हैं। धरती माँ का आँचल हरियाली से सज जाता है और स्त्री का सौंदर्य, श्रृंगार और भावनात्मक गहराई अपने चरम पर पहुँचती है।
81 views • 2025-07-25
Sanjay Purohit
क्यों मानी जाती है भद्रा अशुभ? एक धार्मिक और खगोलीय विवेचना
भारतीय पंचांग और धार्मिक परंपराओं में समय का चयन अत्यंत महत्वपूर्ण माना गया है। शुभ कार्यों — जैसे विवाह, गृह प्रवेश, मुंडन, नामकरण या यज्ञ आदि — के लिए केवल दिन और तिथि ही नहीं, बल्कि "मुहूर्त", "नक्षत्र", "योग", और "करण" भी ध्यान में रखे जाते हैं। इन्हीं में से एक 'करण' है "भद्रा", जिसे विशेष रूप से अशुभ माना जाता है।
70 views • 2025-07-25
Sanjay Purohit
आदर्श पूजा घर कैसा हो? जानिए वास्तु और ज्योतिष के अनुसार जरूरी बातें
हर घर में एक स्थान ऐसा होना चाहिए जहाँ शांति, श्रद्धा और सकारात्मक ऊर्जा का वास हो। यही स्थान होता है — पूजा घर। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि पूजा घर कहां और कैसे होना चाहिए ताकि उसमें भगवान की उपस्थिति के साथ-साथ सकारात्मक ऊर्जा भी सदा बनी रहे?
66 views • 2025-07-24
Richa Gupta
हरियाली अमावस्या पर क्यों की जाती है वृक्ष पूजा? जानें भगवान शिव-पार्वती से जुड़ी पौराणिक कथा
हरियाली अमावस्या, जिसे श्रावण अमावस्या भी कहा जाता है, सावन माह के बहुत ही पावन और ऊर्जा-समृद्ध कालखंड में आती है। इस दिन प्रकृति की आराधना, विशेष रूप से वृक्षों की पूजा का विशेष महत्व है।
75 views • 2025-07-24
...