शरद पूर्णिमा आश्चिन मास की पूर्णिमा तिथि को कहते हैं और इसका महत्व साल की सभी 12 पूर्णिमा तिथियों में सबसे खास होता है। मान्यता है कि इसी दिन माता लक्ष्मी का प्राकट्य हुआ था इसलिए इस दिन को मां लक्ष्मी की जयंती के रूप में मनाया जाता है। इस साल शरद पूर्णिमा 16 अक्टू र को है। बताया जाता है कि इस दिन मां लक्ष्मी बेहद प्रसन्न मुद्रा में होती है और रात को चंद्रमा की रोशनी में धरती पर भ्रमण करने आती हैं। मान्यता है कि जिन भक्तों को वह पूजापाठ में लीन देखती हूं और भजन कीर्तन करते हुए पाती हैं उन पर मां लक्ष्मीै की विशेष कृपा होती है।इस पूर्णिमा तिथि को कोजागिरी पूर्णिमा भी कहते हैं। इस दिन चंद्रमा भी अपनी 16 कलाओं से पूर्ण होते हैं और अमृत की वर्षा करते हैं।
शरद पूर्णिमा साल भर की सभी पूर्णिमा तिथियों में सर्वाधिक शुभ और महत्वपूर्ण मानी जाती है। इस साल शरद पूर्णिमा का व्रत 16 अक्टूिबर को हैं। मान्यता है कि शरद पूर्णिमा की रात को माता लक्ष्मी धरती पर भ्रमण करने आती हैं और भक्तों को सुखी सम्पन्न रहने का आशीर्वाद देती हैं।
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