हिंदू धर्म में पीपल के पेड़ की पूजा करने का खास महत्व होता है। विशेष दिन पर इसकी पूजा करने से व्यक्ति को शुभ फल की प्राप्ति होती है। लेकिन इस वृक्ष की पूजा करने के कुछ नियम भी बताए गए हैं, जिनका ख्याल न रखने से जीवन में समस्याएं आ सकती हैं।
पीपल के पेड़ में सभी देवी-देवताओं का वास माना जाता है। ऐसे में इस वृक्ष की पूजा करने से जातक को कई प्रकार के लाभ प्राप्त होते हैं। माना जाता है कि पीपल के पेड़ में भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी का भी वास होता है। ऐसे में इसकी विशेष दिनों पर पूजा करने से भगवान की कृपा के साथ-साथ पितरों का आशीर्वाद भी प्राप्त होता है। लेकिन पीपल के वृक्ष की पूजा करने से पहले दिन, समय और कुछ नियमों का ख्याल रखना बहुत जरूरी माना गया है। ऐसा न करने से व्यक्ति के घर में दरिद्रता आ सकती है।
इन विशेष दिनों पर करें पीपल के पेड़ की पूजा
ऐसा माना जाता है कि पीपल के पेड़ की पूजा अमावस्या और शनिवार के दिन करनी चाहिए। इन दो दिनों पर पीपल की पूजा करने से व्यक्ति को शुभ फल प्राप्त हो सकता है। अमावस्या के दिन पीपल के वृक्ष की विधिपूर्वक पूजा करने से पितृ दोष से मुक्ति मिल सकती है और साथ ही, पितरों का आशीर्वाद भी प्राप्त होता है। इससे जातक के घर में खुशहाली आने लगती है। वहीं, शनिवार के दिन पीपल के पेड़ की पूजा करने से शनिदेव प्रसन्न होते हैं और इससे जीवन के दुखों से मुक्ति मिल सकती है। शनिवार को पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाना बहुत फलदायी माना जाता है।
इस दिन भूलकर भी न करें पीपल के पेड़ की पूजा
रविवार के दिन गलती से भी पीपल के पेड़ की पूजा नहीं करनी चाहिए। रविवार और अन्य दिनों के दिन पीपल की पूजा करने से अशुभ फल प्राप्त हो सकता है। साथ ही, शनिवार के अलावा अन्य दिनों पर पीपल के वृक्ष को स्पर्श करने की भी मनाही होती है। माना जाता है कि इन दिनों पर पीपल के पेड़ की पूजा करने या उसे स्पर्श करने से व्यक्ति को जीवन में कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। साथ ही, जीवन में दरिद्रता आने लगती है और घर की आर्थिक स्थिति पर भी इसका बुरा प्रभाव पड़ सकता है।
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