Auto: दुनिया की सबसे बड़ी Electric Car निर्माता Tesla जल्द ही भारत में अपनी कारों को ला सकती है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कंपनी ने खासतौर पर भारत के लिए अपनी कुछ कारों का उत्पादन भी शुरू कर दिया है। मीडिया रिपोर्ट्स में और क्या जानकारी मिली है। हम इसकी जानकारी आपको इस खबर में दे रहे हैं।
टेस्ला ने भारत में जल्द शुरू करेगी कारों की बिक्री
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक टेस्ला काफी जल्द ही भारत में अपनी कारों की बिक्री शुरू कर सकती है। कंपनी ने भारत के लिए खास तौर पर राइट हैंड ड्राइव कारों का उत्पादन शुरू कर दिया है। जानकारी के मुताबिक इन कारों को जर्मनी बर्लिन में Tesla के प्लांट में बनाया जा रहा है। हालांकि कंपनी की ओर से इस बारे में किसी तरह की जानकारी को नहीं दिया गया है।
जानें कब तक शुरू होगी बिक्री
एक रिपोर्ट में एक व्यक्ति का हवाला दिया गया है। जिसके मुताबिक कंपनी ने बर्लिन में कारों का उत्पादन शुरू किया है। इस प्लांट में बनने वाली राइट हैंड ड्राइव कारों को भारत में बिक्री के लिए उपलब्ध करवाया जा सकता है। व्यक्ति के मुताबिक Tesla की इन कारों को साल 2024 के आखिर तक भारत में लाया जा सकता है।
किन कारों को भारत लाया जाएगा
रिपोर्ट के मुताबिक जिस व्यक्ति की ओर से यह जानकारी दी गई है कि बर्लिन में बनीं राइट हैंड ड्राइव कारों को भारत लाया जाएगा। उसके मुताबिक पहले कुछ कारों का भारत में अलग अलग परिस्थितयों में टेस्ट किया जाएगा। लेकिन अभी कंपनी के कौन से मॉडल्स को भारत लाया जाएगा, इसकी जानकारी नहीं मिल पाई है। उम्मीद की जा रही है कि Tesla की ओर से Model 3 और Model Y को पहले भारत लाया जा सकता है।
भारत आएगी Tesla की टीम
हाल में ही इस बात की जानकारी भी मिली थी कि Tesla की एक टीम भारत का जल्द दौरा कर सकती है। अपने दौरे में यह टीम कंपनी के प्लांट के लिए जमीन की तलाश करेगी। जानकारी के मुताबिक कंपनी की यह टीम अप्रैल महीने के आखिरी तक आ सकती है और यह महाराष्ट्र, गुजारात और तमिलनाडु जैसे राज्यों में जाकर जमीन की तलाश कर सकती है, क्योंकि यहां पर ऑटोमोटिव हब पहले से ही हैं।
सरकार ने किया था टैक्स कम
इससे पहले भारत सरकार की ओर से भी ऐसी इलेक्ट्रिक कारों पर आयात कर कम कर दिया था, जो कम से कम देश में 50 करोड़ डाॅलर का निवेश करें और तीन साल के अंदर घरेलू मैन्युफैक्चरिंग के लिए प्रतिबद्ध हों। टेस्ला के प्रमुख एलन मस्क (Elon Musk) वर्षों से भारतीय बाजार में प्रवेश करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन सरकार उनसे स्थानीय मैन्युफैक्चरिंग के लिए प्रतिबद्धता चाहती है।
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