गुजरात सरकार और सूरत से भारतीय जनता पार्टी के विधायक पूर्णेश मोदी द्वारा किया गया मोदी सरनेम मानहानि केस में राहुल गांधी ने अपने जवाब में कहा कि मुझे भी अहंकारी कहना गलत है !
2 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट में राहुल गांधी ने अपने जवाब में कहा कि कानूनी प्रक्रिया का हुआ दुरुपयोग –
लंबे वक़्त से चल रहे मोदी सरनेम मानहानि केस में सुनवाई की कार्यवाही के दौरान राहुल गांधी की संसद की सदस्यता के साथ 2 साल की सज़ा भी सुनाई गई है जिसकी वजह से राहुल गांधी को अगर सुप्रीम कोर्ट से कोई राहत नहीं मिलती है तो वो 2031 तक कोई चुनाव नहीं लड़ पाएंगे !
इसी केस की सुनवाई के दौरान जब राहुल गांधी ने जवाब देते हुए कहा कि मैंने माफ़ी मांगने से मना कर दिया तो मुझे भारतीय जनता पार्टी के विधायक के द्वारा अहंकारी कहा गया जोकि गलत बात है !
अपने जवाब में राहुल गांधी ने आगे कहा कि मुझे इस केस में अधिकतम सज़ा दी गई है जिसकी वजह से मेरी संसद की सदस्यता भी चली गई जबकि पूर्णेश मोदी खुद पूरी तरह से मोदी समाज से नहीं हैं और इस वजह से तो मुझे सज़ा ही नहीं मिलनी चाहिए थी !
जस्टिस वीआर गवई और प्रशांत कुमार मिश्र की बेंच ने की सुनवाई –
21 जुलाई को मोदी सरनेम मानहानि केस में राहुल गांधी की याचिका की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस वीआर गवई और प्रशांत कुमार मिश्र की बेंच ने की थी लेकिन सुनवाई शुरू होने से पहले जस्टिस वीआर गवई ने कहा कि मेरे पिता कांग्रेस से जुड़े हुए थे और अभी उनके भाई भी कांग्रेस से जुड़े हैं और अगर इस बात से किसी को कोई आपत्ति है तो बता सकता है !
लेकिन दोनों पक्षों ने इस बात पर कोई आपत्ति नही जताई और सुनवाई आगे बढ़ी !
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