सरकार हो या संस्थान उसे चलाने के लिए एक तंत्र का सक्रिय होना बहुत ज़रूरी है या यूं कहें कि बिना किसी तंत्र के कोई भी सरकार या संस्थान का लोगों के बीच जाकर उनके लिए काम कर पाना संभव नहीं है लेकिन जिस नौकरशाही के भरोसे लोगों का वर्तमान और भविष्य दोनों है अगर वो लोग ही लापरवाही करें तो फिर सुविधाएं, समाज से कोसों दूर रहती हैं और इसका उदाहरण है दिल्ली में बाढ़ पीड़ितों के लिए अधिकारियों की ढील-पोल !
सरकार हो या संस्थान उसे चलाने के लिए एक तंत्र का सक्रिय होना बहुत ज़रूरी है या यूं कहें कि बिना किसी तंत्र के कोई भी सरकार या संस्थान का लोगों के बीच जाकर उनके लिए काम कर पाना संभव नहीं है लेकिन जिस नौकरशाही के भरोसे लोगों का वर्तमान और भविष्य दोनों है अगर वो लोग ही लापरवाही करें तो फिर सुविधाएं, समाज से कोसों दूर रहती हैं और इसका उदाहरण है दिल्ली में बाढ़ पीड़ितों के लिए अधिकारियों की ढील-पोल !
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