इंजीनियर्स यानी राष्ट्र निर्माताओं के योगदान को याद रखने, उनको सराहने और उनको सम्मानित करने के लिए इस दिन को मनाया जाता है। लेकिन शायद ही ज्यादातर लोग इंजीनियर्स डे के बारे में जानकारी रखते हैं।
किसी भी देश के निर्माण में इंजीनियर्स की बेहद महत्वपूर्ण भूमिका होती है। इंजीनियर्स के योगदान के द्वारा ही देश निरंतर आगे बढ़ने के साथ ही तरक्की करता है। इन्हीं इंजीनियर्स यानी राष्ट्र निर्माताओं के योगदान को याद रखने, उनको सराहने और उनको सम्मानित करने के लिए इस दिन को मनाया जाता है। लेकिन शायद ही ज्यादातर लोग इंजीनियर्स डे के बारे में जानकारी रखते हैं। इसलिए आज हम बात करेंगे इंजीनियर्स डे उन सभी पहलुओं के बारे में जिसे सभी लोगों को जानना चाहिए। आइए जानते हैं इंजीनियर्स डे के बारे में।
क्यों मनाया जाता है इंजीनियर्स डे ?
हर साल 15 सितंबर को इंजीनियर्स डे मनाया जाता है। भारत सरकार ने साल 1968 में डॉ. मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया की जन्मदिवस पर ‘अभियंता दिवस’ इंजीनियर्स डे मनाने की घोषणा कि थी। डॉ. मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया भारत के सिविल इंजीनियर थे। इनका जन्म 15 सितंबर 1860 को मैसूर (कर्नाटक) के कोलार जिले में हुआ था। एम विश्वेश्वरैया को एक महान इंजीनियर का दर्जा प्राप्त है और इसीलिए उन्हें 1955 में भारत के सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न से पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। इसके अलावा उन्हें ब्रिटिश नाइटहुड पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था।साइंस और बिजनेस
इंजीनियरिंग वह साइंस और बिजनेस है जो मानव की विविध जरूरतों की पूरा करने में आने वाली समस्याओं का समाधान करता है। एक रिपोर्ट के अनुसार आज के समय सिविल / एनवायर्नमेंटल इंजीनियरिंग, इंडस्ट्रियल इंजीनियरिंग, सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग सभी आसान हो गई है।इंजीनियर्स डे थीम
किसी भी दिन को मनाने के लिए प्रतिवर्ष कोई न कोई थीम तय की जाती है और उसी के अनुसार उस दिन को सेलिब्रेट किया जाता है। राष्ट्रीय इंजीनियर्स दिवस 2023 की थीम 'Engineering for a Sustainable Future' यानी कि 'सतत भविष्य के लिए इंजीनियरिंग' तय की गयी है।पहला इंजीनियर
भगवान विश्वकर्मा को दुनिया का सबसे पहला इंजीनियर कहा जाता है। हमारे प्राचीन ग्रंथों एवं वेदों के अनुसार प्राचीन काल में जितने भी सुप्रसिद्ध नगर और राजधानियां थी, उनको भी भगवान विश्वकर्मा ने ही बनाया था। इस लिए भगवान विश्वकर्मा को सबसे पुराना इंजीनियर माना जाता है।IIT कॉलेज
IIT भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान का संक्षिप्त रूप है। आईआईटी में इंजीनियरिंग की बैचलर डिग्री पाने के लिए चार साल का समय लगता है। अगर कोई बैचलर के साथ मास्टर कोर्स करता है तो 5 साल तक का समय लगता है। भारत में इंजीनियरिंग कि पढ़ाई कराने वाले 23 आईआईटी कॉलेज है।Read More: आज मनाया जा रहा है हिंदी दिवस, जानें क्यो मनाया जाता है ये दिवस
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