नरेंद्र मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला पूर्ण बजट पेश किया गया। पिछले बजट में जिस प्रकार से रामराज्य की बात कही जाती थी। इस बार के बजट में वह मिसिंग दिखा। निर्मला सीतारमण के बजट भाषण में पीएम नरेंद्र मोदी के निर्वाचन प्रदेश का जिक्र कम रहा। इसको लेकर विशेषज्ञों का दावा है कि अभी यूपी में कोई चुनाव नहीं है। इसके अलावा लोकसभा चुनाव रिजल्ट ने भाजपा को निराश किया है। ऐसे में पार्टी बेहतर प्रदर्शन और दबाव वाले राज्यों को अधिक खुश करती दिख रही है। हालांकि, यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ आम बजट को आशा भरी निगाह से देखते दिख रहे हैं।
यूपी को थी उम्मीदें
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से पेश किए गए बजट को लेकर यूपी को काफी उम्मीदें थी, लेकिन कुछ खास नहीं मिला। बजट में कोई बड़ी घोषणा नहीं की गई। लोकसभा चुनाव में एनडीए की सीटें कम होने का पर बजट पर प्रभाव दिखा है। आम बजट में यूपी को कोई नया प्रोजेक्ट नहीं मिला। रेलवे विकास को देखा जाए तो ट्रैक निर्माण के लिए तीन घोषणाएं की गई। इसमें करीब 50 किलोमीटर दूरी में ट्रैक के दोहरीकरण और 23 किलोमीटर रेलवे ट्रैक की ट्रिपलिंग प्रोजेक्ट शामिल हैं। सबसे महत्वपूर्ण शिक्षा, स्वास्थ्य और पर्यटन जैसे क्षेत्रों में कोई नई योजना की घोषणा नहीं की गई। बजट में यूपी को कोई स्पेशल पैकेज नहीं मिला।
कोई बड़ी घोषणा नहीं
यूपी को लेकर केंद्रीय बजट में कोई बड़ी घोषणा नहीं की गई। बजट को अगर ध्यान से देखें तो इस बार शिक्षा के क्षेत्र में यूनिवर्सिटी के बजट का जिक्र किया गया है। इसके अलावा इलाहाबाद म्यूजियम के लिए बजट में जिक्र है। हालांकि, इसमें कोई बदलाव नहीं हुआ है। पिछले बजट में 50 लाख रुपये का प्रावधान ही है। रेलवे में भी कोई बड़ी योजना का लाभ प्रदेश को नहीं मिला है। तीन परियोजना प्रदेश को मिली हैं। इसमें झांसी से दतिया तक 23 किलोमीटर लाइन पर तीन ट्रैक बिछान की योजना है।
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