लखनऊ, 30 साल से बिना पासपोर्ट और वीजा के लखनऊ में रह रहे केन्या के एक नागरिक को इंदिरा नगर पुलिस ने गुरुवार रात गिरफ्तार किया। पकड़ा गया केन्याई नागरिक 2002 में वाराणसी के लक्सा थाने से धोखाधड़ी मामले में जेल जा चुका है। इसके बाद भी उसको डिपोट नहीं किया। फिलहाल पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी गई है। विदेशी अधिनियम के तहत मॉरिस पर एफआईआर दर्ज कर विदेश मंत्रालय को जानकारी दे दी है
फर्राटेदार हिंदी बोलता है मॉरिस
एसीपी गाजीपुर विकास जायसवाल ने बताया कि इंदिरा नगर सेक्टर-17 में किराए के मकान में रह रहे केन्या निवासी मॉरिस ओकीय (54) से पूछताछ में सामने आया है वो बिना पासपोर्ट और वीजा के यहां रह रहा है।उसने 1995 में फैजाबाद से बीकॉम की पढ़ाई की है। 1997 में रुहेलखंड विश्वविद्यालय से एमकॉम करने के बाद आईटीआई से डिप्लोमा भी किया है। मॉरिस की हिन्दी पर अच्छी पकड़ है। उसके पास से कोई संदिग्ध वस्तु और कागजात नहीं मिले हैं। वह यहां पर इलेक्ट्रिशियन का काम करता है।चार महीने जेल में रहा मॉरिस
पुलिस जांच में सामने आया है कि नवंबर 2002 में मॉरिस अपने दो साथियों के साथ वाराणसी के लक्सा थाने में धोखाधड़ी के केस में (100/2002) में जेल भी गया था। यहां उसे चार महीने की सजा भी हुई। जेल से छूटने के बाद यहीं रहने लगा।किरायेदार ने क्यो नही कराया सत्यापन
मॉरिस के पकड़े जाने के बाद किरायेदार के सत्यापन नियम पर सवाल उठ गए हैं। साथ ही इतने साल से विदेशी नागरिक शहर में रह रहा है और किसी जांच एजेंसी को भनक तक नहीं लगी। स्थानीय पुलिस का कहना है कि मामला संज्ञान में आने पर जांच और कार्रवाई की गई है। आलाधिकारियों को अवगत करा दिया गया हैमहिला की शिकायत पर हुई जांच
गाजीपुर पुलिस के मुताबिक मूल रूप से केन्या की राजधानी नैरोबी निवासी मॉरिस इंदिरानगर सेक्टर-17 में अब्दुल कलाम के मकान में किराए पर रह रहा था। उसके खिलाफ एक महिला ने नशीली दवा सप्लाई का आरोप लगाते हुए डीसीपी से शिकायत की थी इसके बाद क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार कर जांच शुरू की गई है। हालांकि अभी कोई आरोप सिद्ध नहीं हुए हैं। वह 1992 में लखनऊ आया था। 2005 में मॉरिस ओकीय का वीजा एक्सपायर हो चुका है।Written by- Vijay Naidu
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