कांवड़ यात्रा को लेकर देश के तमाम हिस्सों से हंगामे के मामले सामने आ रहे हैं। यात्रा की शुरुआत से ही कांवड़ खंडित होने की घटनाएं सामने आ रही हैं। पहले दो घटनाएं यूपी के मुजफ्फरनगर में घटीं और जमकर हंगामा हुआ। इस दौरान सड़कों पर कांवड़ियों ने भी बवाल काटा। इसके बाद कल उत्तराखंड के हरिद्वार और रुड़की में भी कांवड़ियों ने एक ई-रिक्शा और ट्रक ड्राइवर पर कांवड़ खंडित होने का आरोप लगाया। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि क्या शहर-शहर कोई कांवड़ियों को भड़काने का प्रयास कर रहा है? क्या कांवड़ खंडित होना महज एक हादसा है या इसके पीछे किसी की गहरी साजिश है?
हंगामे के मामले कहां से सामने आए?
उत्तराखंड के रुड़की में कांवड़ियों ने ई-रिक्शा चालक पर कांवड़ खंडित होने का आरोप लगाया। इसके बाद हरिद्वार में कांवड़ियों ने ट्रक ड्राइवर पर टक्कर मारकर कांवड़ खंडित होने का आरोप लगाया। इससे पहले यूपी के मुजफ्फरनगर में कांवड़ियों ने कांवड़ के पास मांस रखने और एक कार सवार पर कांवड़ खंडित होने का आरोप लगाया था। कांवड़ खंडित होने के सभी आरोपों के बाद कांवड़ियों ने जमकर हंगामा भी किया था।
रुड़की में क्या हुआ?
रुड़की में कांवड़ खंडित होने के आरोप में कांवड़ियों ने पहले तो ई-रिक्शा चालक की जमकर पिटाई की, उसके बाद ई-रिक्शा को भी निशाना बनाया। कांवड़ियों की भीड़ ने ई-रिक्शा में जमकर तोड़फोड़ की। घटना रुड़की के मंगलौर थाना क्षेत्र की है। कांवड़िए पुलिस के समझाने पर भी नहीं माने। बताया जा रहा है कि एक ई-रिक्शा चालक की एक कावंड़िए से टक्कर हो गई। जिसके बाद उस कांवड़िए ने अपने दूसरे कांवड़िए साथियों को बुलाकर पहले तो ई-रिक्शा चालक के साथ मारपीट की, उसके बाद भीड़ ने ई-रिक्शा में भी जमकर तोड़फोड़ की और ये सब पुलिस के सामने हुआ।
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