नई दिल्ली स्थित उत्तराखण्ड निवास में उत्तराखण्ड राज्य के रजत जयंती वर्ष के अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रवासी उत्तराखण्डी अधिवक्ताओं के साथ संवाद आयोजित किया। इस अवसर पर उन्होंने राज्य के भविष्य के विकास और योजनाओं पर अधिवक्ताओं के साथ विस्तृत विचार-विमर्श किया। मुख्यमंत्री ने कानून व्यवस्था को मजबूत, पारदर्शी और प्रभावी बनाने के लिए सरकार द्वारा उठाए जा रहे कदमों और नीतिगत पहलों की जानकारी भी साझा की।
नई दिल्ली स्थित उत्तराखण्ड निवास में उत्तराखण्ड राज्य के रजत जयंती वर्ष के अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रवासी उत्तराखण्डी अधिवक्ताओं के साथ संवाद आयोजित किया। इस अवसर पर उन्होंने राज्य के भविष्य के विकास और योजनाओं पर अधिवक्ताओं के साथ विस्तृत विचार-विमर्श किया। मुख्यमंत्री ने कानून व्यवस्था को मजबूत, पारदर्शी और प्रभावी बनाने के लिए सरकार द्वारा उठाए जा रहे कदमों और नीतिगत पहलों की जानकारी भी साझा की।
सीएम ने अपने संबोधन में कहा कि सरकार ने राज्य हितों को ध्यान में रखते हुए कई ऐतिहासिक और कठोर कानून लागू किए हैं। उत्तराखण्ड देश का पहला राज्य है जिसने समान नागरिक संहिता लागू की है। उन्होंने बताया कि भर्ती प्रक्रियाओं को पारदर्शी बनाने और नकल माफियाओं पर अंकुश लगाने के लिए देश का सबसे सख्त नकल विरोधी कानून लागू किया गया, जिससे अब तक 26,500 से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरी मिली और 100 से अधिक नकल माफिया जेल भेजे गए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सांस्कृतिक मूल्यों और जनसांख्यिकी के संरक्षण के लिए सरकार ने धर्मांतरण विरोधी और दंगा विरोधी कानून लागू किए हैं। “ऑपरेशन कालनेमी” के तहत अवैध गतिविधियों और लैंड जिहादियों पर कार्रवाई कर 10,000 एकड़ से अधिक सरकारी भूमि मुक्त कराई गई, 300 अवैध मदरसे और 1000 से अधिक अवैध संरचनाएं हटाई गईं। नए कानून के तहत मदरसा बोर्ड समाप्त कर दिया गया है, और जो मदरसे सरकारी सिलेबस नहीं पढ़ाएंगे, उन्हें बंद किया जाएगा।
सीएम धामी ने कहा कि उत्तराखण्ड ने अपनी पिछले 25 वर्षों की विकास यात्रा को सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है। अब राज्य के लिए अगले 25 वर्षों की विकास रूपरेखा तैयार करने का समय है। इस नए युग में नीतियों और योजनाओं को और अधिक न्यायसंगत, सुदृढ़ और जनहितकारी बनाने के लिए उन्होंने विधिक समुदाय से सुझाव, मार्गदर्शन और अनुभव साझा करने का आग्रह किया। मुख्यमंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि विधिक बंधुओं के सहयोग से उत्तराखण्ड एक ऐसा मॉडल राज्य बनेगा, जो न्याय, विकास और सुशासन के क्षेत्र में देश के लिए प्रेरणा बनेगा।
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