मोदी सरकार 3.0 का पहला बजट वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 23 जुलाई को पेश करेंगी। इस बजट में वित्त मंत्री से विभिन्न क्षेत्रों की अलग-अलग अपेक्षाएं हैं। हर किसी को उम्मीद है कि वित्त मंत्री के पिटारे से उनके लिए कुछ न कुछ जरूर निकलेगा। इस बार उम्मीद बढ़ने की बड़ी वजह यह है कि इंडियन इकोनॉमी का प्रदर्शन शानदार है। सरकार के पास फंड की कोई कमी नहीं है। ऐसे में इंडस्ट्री के जानकारों को उम्मीद है कि वित्त मंत्री सभी सेक्टर का ध्यान रखकर विकास को बढ़ावा देने वाला बजट पेश करेंगी।
रोजगार सृजन पर जोर दिया जाएगा
अंतरिम बजट के अनुसार वित्त वर्ष 25 के लिए राजकोषीय घाटे का लक्ष्य सकल घरेलू उत्पाद का 5.1% रहने की संभावना है। पूंजीगत व्यय और लक्षित सामाजिक व्यय के साथ-साथ 'विकसित भारत' पहल के माध्यम से रोजगार सृजन पर जोर दिया जाएगा। बजट में वित्त वर्ष 26 से आगे राजकोषीय समेकन के लिए रोडमैप की रूपरेखा भी दी जा सकती है। जबकि व्यक्तिगत आयकर दरों में कोई कमी की उम्मीद नहीं है। मध्यम आय वाले करदाताओं के लिए कर राहत हो सकती है। बजट में कृषि, स्टार्ट-अप, आवास, रेलवे, रक्षा, इलेक्ट्रॉनिक्स और नवीकरणीय ऊर्जा पर जोर रहने की उम्मीद है।
इन सेक्टर पर बजट में जोर रहेगा/
आगामी बजट में आर्थिक सुधारों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा, जिसमें राजकोषीय अनुशासन बनाए रखते हुए पूंजीगत व्यय और बुनियादी ढांचे पर अधिक खर्च की उम्मीद है। यह सरकार के बढ़े हुए राजकोषीय स्थान से सुगम है, जिसका श्रेय RBI के पर्याप्त लाभांश और मजबूत GST संग्रह संख्याओं को जाता है। हरित ऊर्जा क्षेत्र, रक्षा, रेलवे, आवास और विनिर्माण क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित रहेगा। इसके अतिरिक्त, ग्रामीण क्षेत्रों को लक्षित करने वाले उपायों, जैसे कि ग्रामीण बुनियादी ढांचे का विकास और कृषि सहायता पर जोर दिया जाएगा।
इनकम टैक्स में राहत दे सकती है सरकार
आगामी बजट घोषणा के करीब आते ही, हमें उम्मीद है कि सरकार कर लाभ और समर्पित ग्रामीण सामुदायिक पहलों के माध्यम से, विशेष रूप से वेतनभोगी वर्ग के लिए डिस्पोजेबल आय को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित करेगी। फैशन सेगमेंट गतिशील है और उपभोक्ता व्यवहार, आर्थिक नीतियों और बाजार के रुझानों में बदलावों के प्रति अत्यधिक संवेदनशील है। हमें उम्मीद है कि सरकार उपभोक्ता खर्च को प्रोत्साहित करने के लिए पहल और निवेश को प्राथमिकता देगी, और चल रहे बुनियादी ढांचे के विकास की पहलों के साथ भी तालमेल बिठाएगी। इसके अलावा, ग्रामीण खर्च में वृद्धि ई-कॉमर्स में उपभोक्ता आधार का विस्तार करने का एक शानदार अवसर प्रदान करती है, जिससे इसे बढ़ने और अधिक लोगों तक पहुंचने में मदद मिलती है।
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