जर्मन चांसलर ओलाफ शॉल्त्स गुरुवार को भारत के दौरे पर आ रहे हैं। जर्मनी का अनुमान है कि भारत में मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने से अगले छह वर्षों में जर्मन कंपनियों का निवेश 4.5 लाख करोड़ रुपए तक पहुंच सकता है, जो वर्तमान में दोगुना होगा। जर्मन कंपनियों को कारों से लेकर लॉजिस्टिक्स तक भारत के तेज़ आर्थिक विकास से काफी उम्मीदें हैं।
जर्मन चेंबर ऑफ कॉमर्स के विदेशी व्यापार प्रमुख वोल्कर ट्रायर ने बताया कि 2022 में भारत में जर्मनी का प्रत्यक्ष निवेश 27 अरब डॉलर था, जो चीन में उसके निवेश का लगभग 20% है। उनका मानना है कि यह हिस्सेदारी 2030 तक 40% तक पहुंच सकती है। ट्रायर ने कहा, "हम चीन से पूरी तरह बाहर नहीं जाएंगे लेकिन भारत साल दर साल जर्मन कंपनियों के लिए अधिक महत्वपूर्ण बनता जाएगा।" इस दौरे के दौरान जर्मनी के उद्योग जगत को भारत में निवेश के नए अवसरों की तलाश है, जो कि दोनों देशों के बीच आर्थिक संबंधों को और मजबूत कर सकता है।
जर्मन चांसलर ओलाफ शॉल्त्स आज भारत के दौरे पर आ रहे हैं। जर्मनी का अनुमान है कि भारत में मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने से अगले छह वर्षों में जर्मन कंपनियों का निवेश 4.5 लाख करोड़ रुपए तक पहुंच सकता है।
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