थोक मूल्य सूचकांक (WPI) में लगातार चौथे महीने में वृद्धि दर्ज की गई। खाद्य पदार्थों, विशेषकर सब्जियों और विनिर्मित वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि के कारण देश में थोक मुद्रास्फीति जून में लगातार चौथे महीने बढ़कर 3.36 प्रतिशत पर पहुंच गई।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने एक बयान जारी किया है। जिसमें कहा गया कि जून 2024 में मुद्रास्फीति बढ़ने की मुख्य वजह खाद्य पदार्थों, खाद्य उत्पादों के विनिर्माण, कच्चे रसायन तथा प्राकृतिक गैस, खनिज तेल, अन्य विनिर्माण आदि की कीमतों में वृद्धि रही।
पिछले चार महीने से लगातार थोक मूल्य में वृद्धि का असर दिखने लगा है। पिछले कुछ महीनों खाद्य वस्तुओं की दरों पर नजर डालें तो स्थिति स्पष्ट हो जाती है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, थोक मुद्रास्फीति जून में 10.87 प्रतिशत बढ़ी, जबकि मई में यह 9.82 प्रतिशत थी। पिछले सप्ताह जारी आंकड़ों के अनुसार जून में खुदरा मुद्रास्फीति बढ़कर चार महीने के उच्चतम स्तर 5.1 प्रतिशत पर पहुंच गई।
क्या-क्या महंगा?
सब्जियों की महंगाई दर जून में 38.76 प्रतिशत रही, जो मई में 32.42 प्रतिशत थी. प्याज की महंगाई दर 93.35 प्रतिशत रही, जबकि आलू की महंगाई दर 66.37 प्रतिशत रही। दालों की महंगाई दर जून में 21.64 प्रतिशत दर्ज की गई।
सरकार ने क्या कहा?
वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने एक बयान में सोमवार को कहा, "जून, 2024 में मुद्रास्फीति की सकारात्मक दर मुख्य रूप से खाद्य पदार्थों, खाद्य उत्पादों के निर्माण, कच्चे पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस, खनिज तेल, अन्य विनिर्माण आदि की कीमतों में वृद्धि के कारण है।"
Written By- Vaishali Ghatt
थोक मूल्य सूचकांक (WPI) में लगातार चौथे महीने में वृद्धि दर्ज की गई। खाद्य पदार्थों, विशेषकर सब्जियों और विनिर्मित वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि के कारण देश में थोक मुद्रास्फीति जून में लगातार चौथे महीने बढ़कर 3.36 प्रतिशत पर पहुंच गई।
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