करेंसी मार्केट के लिए वित्त वर्ष के पहले कारोबारी दिन रुपए में गिरावट देखने को मिली है. डॉलर के सामने रुपया 23 पैसे टूटता हुआ दिखाई दिया. जिसकी वजह ट्रंप टैरिफ और कच्चे तेल की कीमतों में इजाफा हो. जानकारों की मानें तो आने वाले दिनों में रुपए में और भी गिरावट देखने को मिल सकती है.
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप कुछ घंटों के बाद रेसीप्रोकल टैरिफ का ऐलान कर दिया है. इस ऐलान से ठीक पहले रुपए पर सबसे ज्यादा कहर टूटा है. करेंसी मार्केट में रुपए पर सबसे ज्यादा गिरावट देखने को मिली है. शुरुआती सेशन में ही डॉलर के सामने रुपया धराशाई होते हुए 23 पैसे टूट गया. जानकारों की मानें तो ये तो अभी शुरूआत है. टैरिफ के ऐलान के बाद रुपए में और भी ज्यादा गिरावट देखने को मिल सकती है और आंकड़ा 86.50 के लेवल को भी पार कर सकता है. वहीं दूसरी ओर दुनिया की दूसरी करेंसीज पर भी असर पड़ता हुआ दिखाई दे रहा है.
इससे पहले मार्च के महीने में डॉलर के मुकाबले में रुपए में जबरदस्त इजाफा देखने को मिला था. रुपए में 2 फीसदी से ज्यादा की बढ़ोतरी देखने को मिली थी. करीब 7 साल के बाद रुपए में किसी एक महीने में इतनी बढ़ोतरी देखी गई थी. उम्मीद की जा रही थी रेपो रेट में संभावित कटौती के बाद रुपए में और भीइजाफा देखने को मिलेगा. लेकिन टैरिफ की वजह से जिस तरह का असर शेयर बाजार पर देखने को मिला और विदेशी निवेशकों ने धड़ाधड़ पैसा निकाला. वैसे आने वाले दिनों में साफ देखने को मिल सकता है.
बीते एक साल में कैसा रहा प्रदर्शन
यह वित्त वर्ष 2025-26 का पहला कारोबारी सत्र है. 1 अप्रैल को बैंकों के वार्षिक खाता बंद होने के कारण मंगलवार को करेंसी और बॉन्ड मार्केट बंद थे. 31 मार्च को ईद-उल-फितर के अवसर पर शेयर, करेंसी, कमोडिटी और डेरिवेटिव मार्केट बंद थे. वित्त वर्ष 2024-25 में रुपए में 2 प्रतिशत से अधिक की गिरावट आई है. 2 अप्रैल 2024 को यह अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 83.42 पर था. इस साल मार्च में, स्थानीय इकाई में 2.17 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जो नवंबर 2018 के बाद से अधिकतम है, जब स्थानीय इकाई ने 5 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि दर्ज की थी.
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