भारत में खुदरा मुद्रास्फीति, उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) के आधार पर नवंबर में घटकर 5.48% पर आ गई है। यह भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा निर्धारित 2-6% के लक्ष्य दायरे के भीतर है। अर्थशास्त्रियों का मानना है कि इस गिरावट के चलते फरवरी 2025 में होने वाली मौद्रिक नीति समिति की बैठक में RBI रेपो दर में 25 आधार अंकों की कटौती कर सकता है। यदि ऐसा होता है, तो लोन की ब्याज दरों में कमी आ सकती है, जिससे ईएमआई पर बोझ कम होगा और कर्ज लेना सस्ता हो सकता है। खाद्य कीमतों में गिरावट और अनुकूल आधार प्रभाव के कारण यह सुधार संभव हुआ है। कोर मुद्रास्फीति, जो मुख्य मुद्रास्फीति से खाद्य और ईंधन को अलग करती है, भी नवंबर में घटकर 3.7% पर आ गई, जो अक्टूबर में 3.8% थी। वहीं, समग्र मुद्रास्फीति अक्टूबर में 6.2% थी।
भारत में खुदरा मुद्रास्फीति, उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) के आधार पर नवंबर में घटकर 5.48% पर आ गई है।
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