education Department - माध्यमिक शिक्षा मंडल के व्यापम घोटाले के बाद 10 वीं 12 वीं के पेपल लीक होने का मामला आ गया है। जिसकी वजह से करीब 18 लाख 22 हजार परीक्षार्थियों का भविष्य दाव पर लग गया है। अब इन दोनों ही मामलों के तार एक साथ जुड़ते हुए दिख रहे हैं। (education Department) दोनों विभागों के लोगों ने मिलकर इस मामले को अंजाम दिया है। मामले से जुड़े 5 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गाया है।
शिक्षा मंडल ने इस मामले को लेकर झाड़ा पल्ला
10 वीं और 12 वीं के पेपर परीक्षा शुरू होते ही पेपर लीक हो गए थे। वहीं इस मामले को लेकर 9 केंद्रीय अध्यक्षों और सहायक केंद्रीय अध्यक्षों को विश्वासहीनता भंग करने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया है। वहीं व्यापम की परीक्षाओं में काफी शिकायतें सामने आई, लेकिन शिक्षा मंडल इस मामले से पल्ला झाड़ते दिखे।
पेपर लीक मामले को लेकर कांग्रेस ने सरकार पर साधा निशाना
कांग्रेस के सीनियर नेता और विधानसभा प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह ने राज्य सरकार पर तीखा निशाना निशाना साधते हुए कहा कि, प्रदेश सरकार माफियाओं के कंट्रोल में आ चुकी है। ऐसे में हम बच्चों के भविष्य को दाव पर नहीं लगा सकते। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि, शिक्षा मंत्री को बर्खास्त कर देना चाहिए।
माध्यमिक शिक्षा मंडल ने क्राइम ब्रांच में एफआईआर भी दर्ज करा दी है
वहीं इस मामले को लेकर माध्यमिक शिक्षा मंडल ने क्राइम ब्रांच में एफआईआर भी दर्ज करा दी है। सीनियर अफ़सर भी इस मामले में शामिल रहे, जिन्हें गठित एसटीआफ की टीम ने दबोच लिया। वहीं सोशल मीडिया पर पेपर लीक करने पर शनिवार को कौशिक दुबे को गिरफ्तार कर लिया है। जानकारी के अनुसार, एग्जाम के शुरू होने से पहले ही WhatsApp पर पेपर भेज दिया गया था।
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वहीं पेपर लीक होने से माध्यमिक शिक्षा मंडल अपना पल्ला झाड़ रहा है। अब बड़ा सवाल यह है कि, क्या माध्यमिक शिक्षा मंडल अब एग्जाम कराएगा। इस मामले में यह तो साफ दिखाई दे रहा है कि, बच्चों का नुकसान होना तय है।
सोशल मीडिया से सामने आए एविडेंस-
- पेपक लीक के मामले में चार टीचर्ज को गिरफ्तार किया गया है।
- पेपर लीक करने के लिए छात्रों की तस्वीरे भी ली गई।
- केमेस्ट्री के पेपर को परीक्षा हॉल में ही लीक कर दिया गया था।
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