शिक्षा मंत्रालय की तरफ से जारी किए गए नए नियमों के तहत अब 5वीं और 8वीं कक्षा के विद्यार्थियों को वार्षिक परीक्षा में असफल होने पर फेल किया जा सकता है. इसके बाद उन्हें दो महीने के अंदर उन्हें फिर से परीक्षा का मौका दिया जाएगा. अगर वह इस परीक्षा में भी वे सफल नहीं हो पाते, तो उन्हें अगली कक्षा में प्रमोट नहीं किया जाएगा. ये नया प्रावधान पहले से लागू व्यवस्था में बदलाव है, जहां 8वीं कक्षा तक विद्यार्थियों को बिना परीक्षा के अगली कक्षा में प्रमोट कर दिया जाता था.
शिक्षा मंत्रालय की तरफ से जारी किए गए नए नियमों के तहत अब 5वीं और 8वीं कक्षा के विद्यार्थियों को वार्षिक परीक्षा में असफल होने पर फेल किया जा सकता है. इसके बाद उन्हें दो महीने के अंदर उन्हें फिर से परीक्षा का मौका दिया जाएगा. अगर वह इस परीक्षा में भी वे सफल नहीं हो पाते, तो उन्हें अगली कक्षा में प्रमोट नहीं किया जाएगा. ये नया प्रावधान पहले से लागू व्यवस्था में बदलाव है, जहां 8वीं कक्षा तक विद्यार्थियों को बिना परीक्षा के अगली कक्षा में प्रमोट कर दिया जाता था.
दरअसल, वर्ष 2010-2011 से 5वीं और 8वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा को खत्म कर दिया गया था, जिसके कारण विद्यार्थियों को अगली कक्षा में भेज दिया जाता था. भले ही उन्होंने परीक्षा में सफलता प्राप्त न की हो. इस व्यवस्था के चलते स्कूली शिक्षा का स्तर लगातार गिरता गया. जिससे 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं के परिणाम भी खराब आने लगे थे.
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